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Delhi Police : मैलिशियस ऐप से बैंक खातों को हैक कर मेहनत की कमाई लूटने वाला गिरोह पकड़ा गया, चार गिरफ्तार

झारखंड का है मुख्य सरगना

by Rakesh Pandey
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  • मैलिशियस ऐप (.एकेपी) के जरिए ठगी का खुलासा

नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट ने एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो मैलिशियस ऐप (.एकेपी) के जरिए लोगों के बैंक खातों को हैक कर उनकी मेहनत की कमाई लूट रहा था। दक्षिण-पश्चिम की साइबर थाना टीम ने इस सिंडिकेट के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान झारखंड के मुख्य सरगना इकबाल अंसारी (27), मेवात क्षेत्र से साजिद खान (32), सलमान खान (24) और नरेंद्र कुमार (29) के रूप में हुई है। इनके कब्जे से पांच स्मार्टफोन बरामद किए गए हैं, जिनमें से एक फोन का इस्तेमाल इस धोखाधड़ी के लिए किया गया था।

बैंक कस्टमर सपोर्ट के नाम पर करते थे संपर्क

 पुलिस के अनुसार, आरोपी लोग ग्राहक सेवा (कस्टमर केयर) के बहाने पीड़ितों से संपर्क करते थे। इसके बाद फोन कॉल के दौरान उन्हें एक मैलिशियस फाइल भेजी जाती थी, जिसे डाउनलोड करने के बाद अपराधी पीड़ितों के डिवाइस तक अनधिकृत पहुंच हासिल कर लेते थे। इस तरह वे संवेदनशील वित्तीय जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, सीवीवी कोड, पैन कार्ड विवरण और बैंकिंग क्रेडेंशियल चुरा लेते थे। इसके बाद पीड़ितों के बैंक खातों से पैसे निकाल लिए जाते थे।इस मामले में शिकायतकर्ता, जो एक सेवानिवृत्त डीआरडीओ वैज्ञानिक हैं, को 40 लाख रुपये का नुकसान हुआ। उनके बचत खाते और सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) से यह राशि गायब कर दी गई। बरामद डिवाइसों में एपीके फाइल्स और एक्सेल शीट्स मिलीं, जिनमें देश भर के पीड़ितों की गोपनीय जानकारी दर्ज थी।

 जनवरी 2025 को, शिकायतकर्ता ने याहू मेल से संबंधित समस्या के समाधान के लिए गूगल पर कस्टमर सपोर्ट नंबर खोजा। एक नंबर पर कॉल करने के बाद उन्हें व्हाट्सएप पर एक एपीके फाइल भेजी गई, जिसमें संवेदनशील वित्तीय जानकारी भरने को कहा गया। इसके बाद सात दिनों तक स्कैमर्स ने उनके बैंक खाते से छेड़छाड़ की और 40 लाख रुपये की ठगी कर ली। िशकायत पर जांच शुरू हुई। डीसीपी सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि जांच में कॉल करने वाले, एपीके भेजने वाले और पैसे के लेन-देन की पूरी श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित किया गया।

आईपी एड्रेस ट्रैक कर किया गिरफ्तार

मैलिशियस एपीके फाइल का विश्लेषण से मिले आईपी एड्रेस और कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के विश्लेषण से पता चला  धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने वाला डिवाइस अभी भी सक्रिय था। एक टीम ने झारखंड के पालोजोरी थाना क्षेत्र में छापेमारी की और मुख्य सरगना को अौर इसके बाद मेवात क्षेत्र से अन्य तीनों को पकड़ा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच अभी जारी है और बाकी बचे सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की योजना बनाई जा रही है।

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