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RJD MLC को साइबर ठगों ने रखा 14 घंटे ‘डिजिटल अरेस्ट’ में, कहा- ‘आपकी हत्या हो सकती है’

राष्ट्रीय जनता दल के विधान पार्षद मोहम्मद शोएब को संदेह हुआ जब वीडियो कॉल देर रात तक चलता रहा। उन्होंने साइबर सेल को सूचना दी। जांच में सामने आया कि यह एक फर्जी कॉल था और उन्हें साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट में रखा था।

by Rakesh Pandey
Two Arrested Weapons In Lohardaga
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पटना: बिहार में साइबर अपराध की नई और खतरनाक तस्वीर सामने आई है। अब आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी साइबर ठगों के निशाने पर हैं। राजधानी पटना के पॉश इलाके आर ब्लॉक स्थित फ्लैट में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधान पार्षद मोहम्मद शोएब को साइबर अपराधियों ने करीब 14 घंटे तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा।

डिजिटल अरेस्ट का खौफनाक खेल

घटना 8 अप्रैल की बताई जा रही है। सुबह 10:30 बजे, MLC को एक अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कॉल करने वाले ने धमकी दी कि, “आपके आसपास के लोग आपकी हत्या कर सकते हैं, इसलिए किसी को भी इस बारे में बताने की गलती मत कीजिए।”

डरे हुए MLC ने पूरे दिन किसी को कुछ नहीं बताया और निर्देशानुसार वीडियो कॉल पर बने रहे। इस दौरान उनसे बैंक डिटेल्स, संपत्ति की जानकारी, हस्ताक्षर तक ले लिए गए।

वित्तीय ठगी तो नहीं हुई, लेकिन खतरा टला नहीं

हालांकि पैसे की ठगी नहीं हो सकी, लेकिन घटना ने साइबर अपराधियों की खतरनाक रणनीति को उजागर कर दिया है। शोएब को तब संदेह हुआ जब वीडियो कॉल देर रात तक चलता रहा। उन्होंने साइबर सेल को सूचना दी। जांच में सामने आया कि यह एक फर्जी कॉल था और उन्हें साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट में रखा था।

“विधान पार्षद के साथ कोई वित्तीय धोखाधड़ी नहीं हुई है। कॉल करने वाले दो मोबाइल नंबरों की जांच की जा रही है।”- राघवेंद्र मणि त्रिपाठी, प्रभारी डीएसपी, साइबर थाना

क्या है ‘डिजिटल अरेस्ट’?

‘डिजिटल अरेस्ट’ एक नई साइबर ठगी की रणनीति है, जिसमें किसी पीड़ित को वीडियो कॉल पर झूठे आरोपों में फंसाकर मानसिक दबाव में रखा जाता है। ठग सरकारी अधिकारी या पुलिस बनकर धमकी देते हैं और कहते हैं कि पीड़ित की मदद करने वाला कोई व्यक्ति उसकी जान का दुश्मन हो सकता है।

ठगों की चाल

कॉल पर खुद को मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया।

कहा कि पीड़ित के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज है।

बैंक डिटेल, संपत्ति की जानकारी और हस्ताक्षर मांगे।

12 घंटे तक वीडियो कॉल के जरिए MLC को अपने घर में ही कैद रखा।

कैसे करें रिपोर्ट?

साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। कोई भी संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत रिपोर्ट करें:

राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन: 1930
ऑनलाइन शिकायत: www.cybercrime.gov.in
सोशल मीडिया पर संपर्क: X (Twitter) पर @CyberDost

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