मुजफ्फरपुर : जिले के कांटी थाना क्षेत्र में एक आरोपी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, जिससे क्षेत्र में हंगामा और तनाव का माहौल बन गया। घटना के अनुसार, गुरुवार को कांटी थाने के हाजत में बंद शिवम झा नामक युवक का शव फंदे से लटका हुआ मिला। बताया जा रहा है कि युवक का मफलर के सहारे फंदा बना दिया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक युवक के परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस ने लिया त्वरित एक्शन, थानाध्यक्ष और 3 पुलिसकर्मी निलंबित
घटना की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी सुशील कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कांटी थानाध्यक्ष सुधाकर पांडेय समेत तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। घटना के बाद स्थिति तनावपूर्ण होने पर जिलाधिकारी और एसएसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष की पिटाई कर दी और थाने में तोड़फोड़ की। इन लोगों का कहना था कि पुलिस ने युवक के साथ बर्बरता की और हत्या की है।
ड्यूटी से गायब थे ओडी ऑफिसर, चौकीदार ने पाया शव
बताया जा रहा है कि रात की ड्यूटी में तैनात ओडी ऑफिसर तनुजा कुमारी ड्यूटी से गायब थीं। यही कारण था कि देर रात करीब तीन बजे चौकीदार ने हाजत में शिवम झा का शव फंदे से लटका हुआ देखा। मृतक शिवम झा के परिवार और ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि युवक को कई दिनों से थाने में बंद कर उसे टॉर्चर किया जा रहा था।
युवक के खिलाफ था छिनतई का आरोप
सूत्रों के अनुसार, शिवम झा को 3 फरवरी को एक स्कूटी से छिनतई के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि, युवक ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया था। बावजूद इसके, पुलिस ने उसे कई दिनों तक थाने में बंद रखा और पूछताछ के नाम पर उसकी पिटाई की। परिवार के लोगों के मुताबिक, पुलिस ने युवक को छोड़ने के बदले में बड़ी रकम की मांग की थी।
इलाके में स्थिति तनावपूर्ण, पहुंचे जन प्रतिनिधि
ग्रामीणों का आरोप है कि जब युवक के परिजनों ने पुलिस की मांग को मानने से इनकार किया तो पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने की धमकी दी। घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। मृतक के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने शिवम झा के साथ क्रूरता की है और उसकी मौत को हत्या से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मामले को शांत करने के लिए पूर्व मंत्री अजीत कुमार और कुछ अन्य जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा संभाल लिया है।