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पिठोरिया में रंगदारी के लिए युवक पर किया जानलेवा हमला, ग्रामीणों में आक्रोश

12 दिसंबर को कुख्यात सेजाउद्दीन अपने गुर्गों के साथ कोर्ट पहुंचा था। दरअसल, सजाउद्दीन पर दर्ज कई मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है।

by Neha Verma
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  • थानेदार पर कुख्यात अपराधी सजाउद्दीन के गिरोह को संरक्षण देने का आरोप, थानेदार को हटाने की मांग
  • कई एफआईआर होने के बाद भी थाना प्रभारी नहीं कर रहे कार्रवाई
  • अपराधियों का बढ़ा मनोबल, लगातार दे रहे घटनाओं को अंजाम
  • पीड़ित का बड़ा आरोप- मोटी रकम लेकर अपराधियों को छोड़ रहे थानेदार

रांची : रांची के पिठोरिया थाना के थानेदार गौतम कुमार रॉय पर लगातार कुख्यात अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। इससे पिठोरिया इलाके के कुख्यातों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कुख्यात अपराधी सजाउद्दीन और उसके गुर्गों ने रंगदारी के लिए कोकदोरो निवासी सफदर सुल्तान पर जानलेवा हमला किया। इससे सफदर सुलतान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस घटना से ग्रामीण आक्रोशित हो गए हैं। थानेदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

घटना से पहले से ही पिठोरिया थानेदार पर लगातार संरक्षण देने के आरोप लग रहे हैं। चूंकि कई एफआईआर दर्ज होने के बाद भी थानेदार सजाउद्दीन और उसके गुर्गों को गिरफ्तार करने के बजाय राहत दे रहे हैं, जबकि सजाउद्दीन जिला बदर अपराधी रह चुका है। कई मामलों में वारंटी भी है।

20 लाख मांगी रंगदारी, फिर किया जानलेवा हमला

जानलेवा हमला करने की घटना को लेकर सफदर सुल्तान ने कोकदोरो निवासी सजाउद्दीन अंसारी, शाहिद अंसारी उर्फ छोटू उर्फ तारीफ अंसारी, रमीज अंसारी, इरशाद अंसारी, खालिक अंसारी, बबलू उर्फ अर्सलान अंसारी, समशाद अंसारी, शहबाज अंसारी, और उपरकोनकी निवासी साहिल अंसारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि बुधवार की सुबह करीब 9 बजे एक जमीन पर उनकु झाड़ियों की साफ-सफाई करवा रहे थे। इस दौरान वहां बलेनो कार (JH01-FB-3929) में सवार होकर सभी अपराधी पहुंचे और 20 लाख की रंगदारी की मांग की और जान मारने की धमकी दी। इसके बाद चारदीवारी को लात से मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद करीब 11ः55 बजे संबंधित जमीन से 500 मीटर की दूरी पर स्थित वे अपने निर्माणाधीन मकान और मार्केट में अपने छोटे बच्चे के साथ खड़े होकर निर्माण कार्य देख रहे थे। उसी दौरान वहां महिंद्रा थार (JH01-FF-1471) और बलेनो कार (JH01-FB-3929) में सवार होकर पहुंचे और जान मारने की नीयत से हमला कर दिया।

कोर्ट के बाहर से पकड़ाया, पुलिस ने कुछ बाद देर बाद छोड़ दिया

पीड़ित परिवार के अनुसार, 12 दिसंबर को कुख्यात सेजाउद्दीन अपने गुर्गों के साथ कोर्ट पहुंचा था। दरअसल, सजाउद्दीन पर दर्ज कई मामलों की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। कांके थाना में दर्ज केस नंबर 328/2024 में सजाउद्दीन ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है। इसी केस में जमानत पाने के लिए सजाउद्दीन अपने गुर्गों के साथ पहुंचा था। इसकी भनक पुलिस को लगी। सजाउद्दीन को गिरफ्तार करने भी पुलिस पहुंची। उसे कोर्ट के बाहर हिरासत में भी लिया गया। लेकिन, कुछ देर के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया। पुलिस की यह हरकत इशारा कर रही कि सजाउद्दीन पर पुलिस कितनी मेहरबान है।

संरक्षण की वजह से पनपा सजाउद्दीन

पीड़ित परिवार का कहना है कि थानेदार गौतम कुमार रॉय का अपराधियों से गठजोड़ है। थानेदार के संरक्षण से अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। हर काले धंधे में थानेदार का कमीशन तय है। यही कारण है कि जिला बदर कुख्यात सजाउद्दीन व अन्य मनचलों का मनोबल बढ़ गया है। पिछले कुछ दिनों में सजाउद्दीन और इसके गुर्गे द्वारा मारपीट, रंगदारी, जान मारने की धमकी, पिस्टल दिखाकर लूटपाट, जान मारने की नीयत से हमला व अन्य आपराधिक घटनाओं को लेकर रांची के अलग अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसके बावजूद पुलिस अब तक इन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी।

गिरफ्तारी नहीं होने से बढ़ता जा रहा मनोबल

पुलिस द्वारा सजाउद्दीन को हिरासत में लेकर छोड़ देने के बाद इसका मनोबल और भी बढ़ गया है। रंगदारी, जमीन पर कब्जा, मारपीट जैसे घटनाओं को अब ये लगातार अंजाम दे रहे हैं। पूर्व में भी सजाउद्दीन व इसके गिरोह के खिलाफ कई लोगों ने अलग-अलग थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। लेकिन, पुलिस ने अब तक कोई कारवाई नहीं की है। ऐसे में अब अपराधी पीड़ितों को केस उठाने की धमकी दे रहे हैं। केस वापस नहीं लेने पर जान से हाथ धोने की धमकी दे रहे हैं।

आश्वासन के बाद भी नहीं हुई गिरफ्तारी

पिछले महीने नवंबर में सजाउद्दीन व इसके गुर्गों ने रांची के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर जमकर हंगामा किया था। इस दौरान थाना प्रभारी ने सजाउद्दीन व उसके गुर्गों को दो दिनों के अंदर गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के बाद ग्रामीण वापस लौटे थे। लेकिन, अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई।

वर्जन

घटना की सूचना मिली है। मामले की जांच की जा रही है। जहां तक थानेदार पर संरक्षण के जो आरोप हैं, इसकी जांच की जा रहा ही। पुष्टि होने पर थानेदार पर कारवाई की जाएगी।
सुमित अग्रवाल, एसपी, ग्रामीण।

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