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बिरसा मुंडा की देन है सीएनटी एक्ट : CM

by Rakesh Pandey
Death Anniversary Dharti Aba Birsa Munda
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रांची : Death Anniversary Dharti Aba Birsa Munda: धरती आबा बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन एवं मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने रांची के बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान एवं संग्रहालय परिसर, कोकर स्थित बिरसा मुंडा समाधि स्थल एवं बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी तथा नमन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने धरती आबा के बलिदान को याद किया। कहा, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा की लड़ाई लड़ी। यहां के आदिवासी-मूलवासी के हक, अधिकार एवं अस्मिता की लड़ाई लड़ी। राज्य में जो सीएनटी बना है, बिरसा मुंडा की देन है। एसपीटी एक्ट बना है यह हमारे पूर्वजों का ही देन है। यह कानून राज्य के आदिवासी एवं मूलवासियों के लिए सुरक्षा कवच है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दिन हम सभी लोग धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को सहृदय याद करते हैं और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेते हैं। ज्ञात हो कि बिरसा मुंडा जेल उद्यान में ही धरती आबा ने नौ जून 1900 को अंतिम सांस ली थी। उस कक्ष में भी गए, जिस कक्ष में बिरसा मुंडा को रखा गया था। इसके अब संग्रहालय बना दिया गया है। कोकर स्थित डिस्टिलरी पुल के पास ही नौ जून 1900 की रात में आनन-फानन में ब्रिटिश सरकार ने अंतिम संस्कार कर दिया था। यहीं पर उनकी समाधि बनाई गई है।

धरती आबा के गांव उलिहातू में भी लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि बिरसा मुंडा आंदोलन के कारण ही सीएनटी एक्ट 1908 में अस्तित्व में आया। अंग्रेजों ने आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर हक-अधिकार के लिए को लेकर यह कानून बनाया। धरती आबा के उलगुलान का यही हासिल था जो आज भी आदिवासियों का रक्षा कवच बना हुआ है।

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