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बहुचर्चित राजदेव रंजन हत्याकांड में सुनवाई से ठीक पहले मुख्य गवाह की मौत

by Rakesh Pandey
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पटना: बिहार के पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में CBI ने जिस गवाह को डेढ साल पहले मृत घोषित किया था, उसकी अब मौत हुई है। मृतक बादामी देवी इस घटना की मुख्य गवाह थी।

जिस समय कोर्ट में महिला को गवाह के लिए पेश किया जाना था, उस वक्त सीबीआई ने महिला को मृत होने का प्रमाण दाखिल किया था।

बादामी देवी की मौत के संबंध में गलत सूचना देने पर डेढ़ वर्ष पूर्व CBI की अदालत में काफी फजीहत हुई थी। बादामी देवी की जमीन से जुड़े विवाद में पत्रकार की हत्या की बात सामने आई थी।

क्या था पूरा मामला?

बिहार के सिवान जिले के पत्रकार राजदेव रंजन हिंदी दैनिक अखबार से जुड़े हुए थे। राजदेव रंजन क्राइम बीट की खबरें लिखते थे। उनकी 13 मई 2016 की शाम को सिवान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने जांच के क्रम में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था।

जिसमें अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, विजय कुमार गुप्ता, रोहित कुमार सोनी, राजेश कुमार, रिशु कुमार जायसवाल, सोनू कुमार गुप्ता सहित एक नाबालिग शामिल था।

कैसे हुई पत्रकार की मौत?

राजदेव रंजन समाचार एकत्र करने के लिए सिवान रेलवे स्टेशन पर अपने कार्यालय जा रहे थे, तभी बाइक सवार हमलावरों ने उनकी हत्या कर दी। रंजन को गर्दन और सिर पर बहुत करीब से गोली मारी गई।

सबसे पहले उन्हें आंखों के बीच और गर्दन में गोली मारी गई थी। गोलीबारी सिवान बाजार इलाके में रात करीब 8 बजे हुई। रंजन की बाद में एक अस्पताल में मृत्यु हो गई।

मुख्य गवाह के जीवित रहने का मिला था प्रमाण

करीब डेढ़ वर्ष पूर्व सीबीआई ने कोर्ट के समक्ष यह हलफनामा दायर किया था कि केस की मुख्य गवाह बादामी देवी की मौत हो चुकी है। इसके बाद दूसरे पक्ष के वकील ने कोर्ट में बादामी देवी के जीवित होने के ठोस प्रमाण देते हुए सीबीआई की जांच पर सवाल उठाया था।

बादामी देवी के जीवित रहने का प्रमाण मिलने के बाद कोर्ट ने CBI को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद सीबीआई राजदेव रंजन हत्याकांड की मुख्य गवाह बादामी देवी की कोर्ट में गवाही नहीं करा सकी।

सोमवार की देर शाम बादामी देवी की मौत हो गई। बुधवार यानी 1 नवंबर को इस केस की सुनवाई होगी थी। इस नाकामी को लेकर देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

अधिवक्ता शरदा सिन्हा ने दी जानकारी

इसकी जानकारी अधिवक्ता शरद सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्य गवाह बादामी देवी की मौत सोमवार को हुई। 1 नवंबर बुधवार को फिर से कोर्ट में तारीख है।

हत्या मामले में सुनवाई की जाएगी। अन्य गवाहों की गवाही चल रही है। अधिवक्ता ने कहा कि राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में बुधबार 01 नवंबर को केस की तारीख निर्धारित है।

मुख्य गवाह की मौत हो गई है। अन्य की गवाही होगी। अधिवक्ता शरद सिन्हा ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट से कार्रवाई की मांग की थी।

अधिवक्ता ने कहा था कि सीबीआई जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। अधिवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सीबीआई ने गवाह से संपर्क तक नहीं किया और उसे मृत घोषित कर दिया गया।

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