नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़े ऑपरेशन में विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कालाबाजारी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें गोदाम मालिक, ट्रक चालक और अन्य कर्मचारी शामिल हैं, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) के लिए ईंधन की आपूर्ति में शामिल थे। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर मुंडका स्थित एक गोदाम से 72,000 लीटर विमान ईंधन जब्त किया है, जिसे अवैध रूप से रंग और स्याही बनाने वाले कारखानों में बेचा जा रहा था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और कार्यप्रणाली
अपराध शाखा के उपायुक्त आदित्य गौतम ने सोमवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में गोदाम मालिक गया प्रसाद यादव (43), ईंधन खरीदने वाला राज कुमार चौधरी (53), ट्रक मालिक अशपाल सिंह भूल्लर (53), और चालक राम भरोसे यादव (44), अजय राय (32), प्रवीण कुमार यादव (25), सुबोध कुमार यादव (25) और प्रवीण कुमार यादव (19) शामिल हैं। जांच में पता चला कि चालकों को प्रत्येक ट्रिप के लिए 700 से 1500 रुपये का भुगतान किया जाता था।
पुलिस के अनुसार, यह ईंधन हिंदुस्तान पेट्रोलियम निगम लिमिटेड के हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित आसौदा डिपो से आईजीआई हवाई अड्डे के लिए टैंकरों के जरिए भेजा जाता था। लेकिन, टैंकर चालकों ने गोदाम मालिक और ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से जीपीएस ट्रैकिंग डेटा में हेरफेर कर टैंकरों को मुंडका में एक गोदाम में ले जाया। वहां डुप्लीकेट चाबियों का उपयोग कर टैंकरों के सुरक्षा ताले खोले गए और ईंधन को बैरल में भरकर मिनरल टरपेंटाइन ईंधन (एमटीओ) के रूप में पेंट और स्याही उद्योग को बेच दिया गया।
जब्त सामग्री और छापेमारी
उपायुक्त गौतम ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने तीन तेल टैंकर जब्त किए, जिनमें 24,000 लीटर एटीएफ था। इसके अलावा, दो पिकअप ट्रक, 1.05 लाख रुपये नकद, छह डिप रॉड (नकली सहित), तेल निकालने वाली नली, नौ खाली ड्रम और तीन डुप्लीकेट मास्टर चाबियां भी बरामद की गईं। गया प्रसाद यादव, जो पहले टैंकर चालक रह चुका है, इस रैकेट का मुख्य सरगना था। वह 30 रुपये प्रति लीटर की दर से ईंधन खरीदता और 50 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचता था।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
अपराध शाखा की इस कार्रवाई से विमानन ईंधन की कालाबाजारी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस अब इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश कर रही है और यह जांच कर रही है कि यह रैकेट कब से चल रहा था और कितनी मात्रा में ईंधन की चोरी की गई। यह कार्रवाई विमानन सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखला की अखंडता को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।