नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोपों में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई 2018-19 में स्वीकृत 24 अस्पताल परियोजनाओं, जिनकी लागत 5,590 करोड़ रुपये थी, में भारी अनियमितताओं और लागत वृद्धि के बाद की गई है। इन परियोजनाओं में 11 ग्रीनफील्ड और 13 ब्राउनफील्ड अस्पताल शामिल हैं, जिनमें से कोई भी निर्धारित समय पर पूरा नहीं हुआ।
ज्वाइंट सीपी एसीबी मधुर वर्मा ने बताया कि इन परियोजनाओं में अस्पष्ट देरी और लागत में अनुचित वृद्धि देखी गई, जो वित्तीय गबन की ओर इशारा करती है। 1,125 करोड़ रुपये की 7 आईसीयू अस्पताल परियोजनाएं, जिनमें 6,800 बेड की सुविधा होनी थी, तीन साल बाद भी केवल 50% पूरी हुई हैं, जबकि 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। जांच में ज्वालापुरी और मदीपुर अस्पतालों में बिना अनुमति अतिरिक्त निर्माण और एलएनजेपी अस्पताल के नए ब्लॉक की लागत में 488 करोड़ से 1,135 करोड़ रुपये तक की वृद्धि जैसे उल्लंघन सामने आए।
22 अगस्त 2024 को तत्कालीन विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ, जिसमें परियोजना बजट में हेरफेर, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और निजी ठेकेदारों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया गया। जांच में पॉलीक्लिनिक परियोजना में भी गड़बड़ी पाई गई, जहां 94 में से केवल 52 क्लिनिक बने, और लागत 168 करोड़ से बढ़कर 220 करोड़ रुपये हो गई। कई क्लिनिक अभी भी गैर-कार्यशील हैं।
2016-17 में घोषित स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रणाली, जो वित्तीय पारदर्शिता के लिए जरूरी थी, लागू नहीं हुई। एनआईसी की मुफ्त ई-अस्पताल सेवा को बिना कारण अस्वीकार किया गया। ज्वाइंट सीपी ने बताया कि सीबी ने सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन, अज्ञात अधिकारियों और निजी ठेकेदारों के खिलाफ के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए के तहत मंजूरी के बाद, एफआईआर दर्ज कर ली है। एसीबी इस साजिश की गहराई तक जांच कर रही है ताकि सभी दोषियों की भूमिका स्पष्ट हो सके।