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चिराग पासवान से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करने का अधिकार नहीं हैः Delhi High Court

चिराग पासवान ने नामांकन पत्र दाखिल करते समय यह "आपराधिक पृष्ठभूमि" उजागर नहीं की, जिससे उन्होंने झूठा हलफनामा दाखिल किया।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान की बिहार के हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीत को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति अमित बंसल की एकल पीठ ने कहा कि यह चुनाव बिहार में हुआ था, इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट को इस चुनाव याचिका पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है।

चुनाव याचिका क्षेत्राधिकार के आधार पर खारिज
न्यायालय ने कहा, चूंकि यह चुनाव बिहार में हुआ है, अतः इस न्यायालय के पास इस चुनाव याचिका पर सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। तदनुसार, यह याचिका क्षेत्राधिकार की कमी के आधार पर खारिज की जाती है। हालांकि, अदालत ने याचिकाकर्ता को अन्य वैधानिक उपायों का सहारा लेने की छूट दी है।

आरोप: आपराधिक पृष्ठभूमि छुपाने का दावा
याचिकाकर्ता ने स्वयं को यौन उत्पीड़न की पीड़िता बताया है और आरोप लगाया है कि यह अपराध प्रिंस राज और उनके सहयोगियों, जिनमें उनके चचेरे भाई चिराग पासवान भी शामिल हैं, के “इशारे पर” किया गया था। याचिका में कहा गया कि चिराग पासवान ने नामांकन पत्र दाखिल करते समय यह “आपराधिक पृष्ठभूमि” उजागर नहीं की, जिससे उन्होंने झूठा हलफनामा दाखिल किया।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125A का हवाला
याचिकाकर्ता का कहना है कि कोई भी उम्मीदवार यदि अपने नामांकन के दौरान आपराधिक मामलों से जुड़ी जानकारी छुपाता है, तो यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125A का उल्लंघन है। इस धारा के अंतर्गत छह महीने तक की सजा का प्रावधान है।

चुनाव आयोग की दलील: याचिका दिल्ली में विचारणीय नहीं
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने तर्क दिया कि यह याचिका प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत दिल्ली में विचारणीय नहीं है, क्योंकि संबंधित लोकसभा चुनाव बिहार में आयोजित हुआ था।

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