नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने एक बड़े जासूसी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो भाइयों को गिरफ्तार किया है। ये भाई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भारतीय मोबाइल सिम कार्ड सप्लाई करते थे, जिनका इस्तेमाल जासूसी गतिविधियों के लिए किया जाता था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आसिम और कासिम के रूप में हुई है।
अगस्त 2024 और मार्च 2025 में दो बार की थी पाकिस्तान की यात्रा
कासिम, जो इस गिरोह का मुख्य आरोपी है, ने अगस्त 2024 और मार्च 2025 में दो बार पाकिस्तान की यात्रा की थी और वहां लगभग 90 दिनों तक रहा था। इस दौरान उसने आईएसआई अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें भारतीय सिम कार्ड सप्लाई करने का काम किया। इन सिम कार्डों का इस्तेमाल पाकिस्तानी ऑपरेटिव्स द्वारा भारतीय नागरिकों से संवेदनशील जानकारी निकालने के लिए किया जाता था।
आसिम की गिरफ्तारी कासिम की पूछताछ के बाद हुई, जिसमें उसने अपने भाई के पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ काम करने की बात कही थी। इसके बाद पुलिस ने आसिम को गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
पुलिस का मानना है कि ये दोनों भाई एक बड़े जासूसी सिंडिकेट का हिस्सा हैं, जो भारतीय टेलीकॉम संसाधनों को विदेशी खुफिया एजेंसियों को सप्लाई करने का काम करता है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों को पकड़ने के प्रयास कर रही है।
पंजाब और हरियाणा से भी हुई है गिरफ्तारियां
पंजाब और हरियाणा में भी इसी तरह के मामलों में गिरफ्तारियां हुई हैं। गुरदासपुर में दो और नूंह में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी कर रहे थे। इनमें से कुछ आरोपियों ने आईएसआई संचालकों के साथ सैन्य गतिविधियों की जानकारी साझा की थी।
दिल्ली को दहलाने की थी प्लानिंग
आईएसआई दिल्ली में बड़ा आतंकी हमला करने की साजिश रच रही थी, जिसके लिए उसने अपने दो गुर्गों को काम पर लगा दिया था। इनमें अंसारुल मियां अंसारी नाम का एक पाकिस्तानी एजेंट भी शामिल था, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के बारे में संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा गया था। हालांकि, समय रहते दिल्ली पुलिस ने इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया ।
Read Also: ‘टाइगर मैन’ वाल्मिक थापर नहीं रहे—बाघों के साथ बिताए 50 वर्षों का सफर समाप्त…