जमशेदपुर : झारखंड में चुनावी दंगल के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने एक बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई न तो किसी नेता या राजनीतिक दल के कार्यकर्ता के खिलाफ की गयी है और न ही किसी प्रत्याशी के खिलाफ। अब सवाल है कि वह कौन है, जिसे आयोग का कोपभाजन बनना पड़ा। आपको बता दें कि वह कोई और नहीं, बल्कि विधानसभा चुनाव के लिए आयोग की ओर से तैनात किये गये जनरल ऑब्जर्वर थे।
त्रिपुरा कैडर के आईएएस अफसर मो. जुबैर अली हाशमी को गंभीर शिकायतों के बाद भारत निर्वाचन आयोग ने तुरंत वापस बुला लिया है। उनका शौक उनकी वापसी का कारण बन गया। यह मामला तब प्रकाश में आया जब हाशमी ने सरकारी खर्च पर निजी उपयोग के लिए कई वस्तुओं की खरीदारी की, जिसमें चप्पल, अंडरगारमेंट्स, एयरपॉड्स, मोजे, टी-शर्ट और हवाई टिकट शामिल हैं। इस अनियमितता की जानकारी मिलने के बाद, राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त के. रवि कुमार की अनुशंसा पर उन्हें चुनावी ड्यूटी से हटा दिया गया।
हाशमी की अनियंत्रित खरीदारी
मो. जुबैर अली हाशमी 2008 बैच के त्रिपुरा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पूर्वी सिंहभूम जिले की पोटका सीट पर जनरल ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया था। जैसे ही वे झारखंड पहुंचे, उन्होंने सरकार के पैसे से निजी सामान खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी। उनके द्वारा सरकारी खर्च पर मंगवाए गए सामान की सूची देखकर हर कोई हैरान रह गया।
उनकी पहली फरमाइश के अनुसार, उन्हें 24 अक्टूबर को रांची एयरपोर्ट पर रिसीव किया गया। उन्हें चमरिया गेस्ट हाउस में ठहराया गया। उन्हें यह स्थान पसंद नहीं आया। उसके बाद जिला प्रशासन ने उन्हें जमशेदपुर सर्किट हाउस में कमरा आवंटित किया। सर्किट हाउस में सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद, हाशमी ने संपर्क अधिकारी को रात 9 बजे व्यक्तिगत वस्तुओं की लिस्ट दी और बाजार से खरीदकर लाने को कहा।
हाशमी की की लिस्ट और खरीदारी
• 6,999 रुपये का स्केचर ब्रांड का स्लीपर
• 4,025 रुपये में लॉरियल का शैंपू और कंडीशनर
• 3,740 रुपये में जॉकी ब्रांड की टी-शर्ट और अंडरगारमेंट्स
• 799 रुपये में एडिडास के मोजे
• 24,999 रुपये में एप्पल के एयरपॉड्स
इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के लिए दिल्ली से रांची और रांची से दिल्ली के लिए हवाई टिकट भी सरकारी खर्च पर खरीदे। उनकी मांगों में एप्पल का आईपैड और पेंसिल-प्रो भी शामिल था, जिसकी कुल कीमत लगभग 1 लाख रुपये थी।
संपर्क अधिकारी की अपील
हाशमी की लगातार फरमाइशों से परेशान होकर संपर्क अधिकारी ने अंततः जिला निर्वाचन पदाधिकारी को लिखित शिकायत दी। उन्होंने अपनी समस्या का समाधान करने के लिए इस ड्यूटी से मुक्त करने की गुहार लगाई। इसके बाद, जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखा, जिसमें हाशमी की गतिविधियों की जानकारी दी गई।
निर्वाचन आयोग की कार्रवाई
25 अक्टूबर को राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव अरविंद आनंद को पत्र लिखकर हाशमी को ऑब्जर्वर के पद से हटाने की अपील की। इस पर निर्वाचन आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हाशमी को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह कुलांगे विजय अम्रुता को नया ऑब्जर्वर नियुक्त किया। यह मामला इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे कुछ अधिकारियों द्वारा सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया जा सकता है। चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई से यह साबित होता है कि वह ऐसी अनियमितताओं को सहन नहीं करेगा और लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने के लिए तत्पर है।