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पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने दी सख्त चेतावनी, कहा- अब उनकी खैर नहीं

by Rakesh Pandey
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किश्तवाड़/जम्मू : जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पाकिस्तान में रह रहे स्थानीय आतंकवादियों को कड़ी चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें सीमा पार भी शांति से रहने नहीं दिया जायेगा। सिंह ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान में रह रहे आतंकवादियों की यहां स्थित संपत्तियों को कुर्क करना पहले ही शुरू कर दिया है और कार्रवाई जारी रहेगी। पुलिस प्रमुख ने किश्तवाड़ में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा कि हम उन गद्दारों को स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं, जो सीमा पार चले गये हैं और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं, वे शांति से वहां भी नहीं रह सकते, क्योंकि हम उन तक पहुंच बनायेंगे और जो लोग यहां से उनका समर्थन कर रहे हैं, उनसे भी सख्ती से निबटा जायेगा।

आतंकियों को पैर जमाने का नहीं मिलेगा मौका :

दिलबाग सिंह ने कहा कि किश्तवाड़ा, डोडा और रामबन जिलों वाली चिनाब घाटी पूर्व में आतंकवादियों के निशाने पर थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और उन्हें पैर जमाने नहीं दिया जायेगा। सिंह ने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से सुरक्षा बलों द्वारा डोडा-किश्तवाड़ रेंज की कड़ी सुरक्षा की जा रही है। आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश करने वाले बुरे तत्वों को करारा जवाब दिया जायेगा।

उधर भारत में वांछित आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मारा गया

भारत में वांछित एक आतंकवादी की शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में एक मस्जिद के अंदर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या दी। प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा रियाज अहमद उर्फ अबू कासिम एक जनवरी को डांगरी में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। राजौरी जिले के डांगरी गांव में आतंकवादियों के हमले और अंधाधुंध गोलीबारी में सात लोगों की मौत हो गई थी और 13 अन्य घायल हो गये थे। आतंकवादी वहां आईईडी भी लगा गये थे, जो अगली सुबह फटा था।

1999 में सीमा पार चला गया था रियाज :

अधिकारियों ने कहा कि मूल रूप से जम्मू क्षेत्र का रहने वाला अहमद 1999 में सीमा पार चला गया था। अधिकारियों के अनुसार उसे पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों में आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने वालों में से एक माना जाता था।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रावलकोट इलाके में अल-कुदुस मस्जिद के अंदर सुबह की नमाज के दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी। अहमद ज्यादातर मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा बेस कैंप से काम करता था लेकिन हाल ही में रावलकोट में स्थानांतरित हो गया था।

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लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य कमांडर सज्जाद जाट का करीबी सहयोगी था रियाज :

अधिकारियों ने कहा कि वह लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य कमांडर सज्जाद जाट का करीबी सहयोगी था और संगठन के वित्त की देखभाल भी करता था। वह पाकिस्तान से संचालित होने वाले विभिन्न आतंकी संगठनों का चौथा शीर्ष कमांडर था, जिसे इस साल मार गिराया गया।

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