Dhanbad News : केंद्र सरकार की श्रमिक और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलाए गए देशव्यापी हड़ताल का असर झारखंड के धनबाद जिले में व्यापक रूप से देखने को मिल रहा है। बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) की विभिन्न कोलियरियों, बैंकों और डाकघरों में कामकाज ठप पड़ा है। श्रमिकों और कर्मचारियों ने हाजिरी जरूर बनाई, लेकिन विरोधस्वरूप काम से दूरी बनाए रखी, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में उत्पादन और सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
बीसीसीएल के ब्लॉक-2 क्षेत्र की दोनों परियोजनाएं पूर्णतः ठप रहीं, जबकि जमुनिया पैच और मधुबन कोल वाशरी में भी कोई गतिविधि नहीं देखी गई। रीजनल वर्कशॉप में कर्मियों ने हाजिरी नहीं दी। संयुक्त मोर्चा के नेता सुबह से ही कोलियरी कार्यालयों के पास धरना पर बैठे हुए हैं।
सेल के टासरा प्रोजेक्ट और चासनाला कोलियरी में भी बंदी का असर साफ देखा गया। यहां बीसीकेयू के बैनर तले आर्थिक नाकेबंदी की गई। भौंरा, सुदामडीह और बरोरा क्षेत्र में श्रमिकों की उपस्थिति न के बराबर रही। बरोरा के मुराईडीह परियोजना में कुछ बीएमएस समर्थक श्रमिकों ने हाजिरी दी, लेकिन कार्य लगभग पूरी तरह से ठप रहा। परियोजना प्रबंधन की ओर से हाजिरी बनाने और काम पर लौटने की अपील भी की गई, जिसे अधिकांश मजदूरों ने अनसुना कर दिया।
निरसा क्षेत्र में भी हड़ताल का खासा प्रभाव देखने को मिला। कोलियरी उत्पादन पर सीधा असर पड़ा। ईसीएल के मुगमा क्षेत्र में स्थित सेंट्रल पुल रेलवे साइडिंग पर रेलवे का रैक तो आ चुका है, लेकिन मजदूरों की हड़ताल के कारण लोडिंग नहीं हो सकी। ट्रेड यूनियन नेताओं ने कोलियरियों का दौरा कर हड़ताल को सफल बनाने के लिए समर्थकों से बातचीत की।
Dhanbad News : धनबाद के बैंक और डाकघर भी रहे बंद
हड़ताल का प्रभाव केवल कोयला क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा। जिले के एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा समेत सभी प्रमुख बैंकों में कामकाज ठप रहा। वहीं डाकघरों में भी हड़ताल का असर स्पष्ट रूप से देखा गया। कर्मचारी काम पर नहीं पहुंचे, जिससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
Dhanbad News : हर्ल और सीमेंट उद्योग रहे अप्रभावित
हालांकि सिंदरी स्थित हर्ल (HURL) में हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ा। यहां रोज की तरह काम सामान्य रूप से चलता रहा। इसी प्रकार क्षेत्र के सीमेंट उद्योगों में भी उत्पादन पूर्ववत जारी रहा। हालांकि यहां के बैंकों में हड़ताल के कारण सेवाएं प्रभावित रहीं। यह हड़ताल न केवल श्रमिक असंतोष को दर्शा रही है, बल्कि श्रमिक संगठनों की एकता और सरकार से नाराजगी का भी संकेत दे रही है।