धनबाद : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने गुरुवार को धनबाद के एसएनएमएमसीएच (SNMMCH) का निरीक्षण किया। यह पहली बार था जब दोनों नेता एक साथ अस्पताल का दौरा कर रहे थे। इस दौरान, उन्होंने अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी बिल्डिंग, पीजी ब्लॉक और कैथ लैब का निरीक्षण किया और अस्पताल में चल रही समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी निर्देश दिए।
मरीजों को रांची जाने की आवश्यकता नहीं
प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने बताया कि धनबाद में बने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को अगले छह महीनों में शुरू किया जाएगा। इस अस्पताल में कार्डियो, न्यूरो और ऑन्कोलॉजी से संबंधित इलाज और ऑपरेशन का कार्य भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पहल से अब मरीजों को रांची के रिम्स अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि उनके इलाज की सारी सुविधाएं धनबाद में ही उपलब्ध हो जाएंगी। इसके लिए डॉक्टरों और पैरा मेडिक्स की कमी को भी शीघ्र दूर किया जाएगा।
एसएनएमएमसीएच में विस्तार की योजना
अजय कुमार सिंह ने कहा कि एसएनएमएमसीएच में वर्तमान में 100 एमबीबीएस सीटें हैं, जिन्हें अगले दो वर्षों में बढ़ाकर 200 किया जाएगा। वहीं, पीजी की सीटों की संख्या भी 9 से बढ़ाकर 100 की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने नए भवन में ओपीडी मरीजों की भीड़ को कम करने के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया।
स्वास्थ्य मंत्री की सफाई और सुधार की पहल
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने अस्पताल में सफाई की कमी पर चिंता जताई और उसे शीघ्र सुधारने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में झारखंड के सरकारी अस्पतालों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों को अब प्राइवेट अस्पतालों के नाम पर काम नहीं करने दिया जाएगा। उनका उद्देश्य इन अस्पतालों को सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में तब्दील करना है, ताकि मरीजों को रांची जाने की आवश्यकता न पड़े।
धनबाद में विधि व्यवस्था पर भी बोले स्वास्थ्य मंत्री
इसी दौरान, मंत्री ने धनबाद में बिगड़ती विधि व्यवस्था पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि धनबाद में किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाघमारा में हाल ही में हुई बमबाजी और गोलीबारी की घटना पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है और इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।साथ ही, इरफान अंसारी ने कोयले के मामले में भी राज्य सरकार की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि कोयला झारखंड सरकार के अधीन नहीं है और इससे ना तो हमें टैक्स मिलता है और न ही जीएसटी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोयला बंद करने की योजना बनाई है, और अब समय आ गया है कि इस क्षेत्र में बदलाव लाया जाए।