नई दिल्ली : उत्तराखंड के धराली में 5 अगस्त 2025 को रात करीब 6 बजे बादल फटने की घटना (Dharali Cloudburst) ने क्षेत्र में तबाही मचाई। अचानक आई बाढ़ ने कई गांवों को प्रभावित किया, जिससे ग्रामीणों का जीवन खतरे में पड़ गया। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और जिला प्रशासन व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्य को अंजाम दिया।
आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट (जनसंपर्क अधिकारी) के कमल ने बताया, “धराली में बादल फटने की सूचना मिलते ही ITBP की टीमें तत्काल हरकत में आईं। 12वीं बटालियन मटली से कमांडेंट श्री सचिन कुमार के नेतृत्व में तीन दलों को तैनात किया गया। इसके अलावा, 35 बीएचक्यू महिदंडा और बीओपी से दो दल, जिनमें 5 गजेटेड ऑफिसर, 7 सब-ऑफिसर, और 83 अन्य रैंक शामिल थे, सहायक कमांडेंट मनोज रावत और डीसी दीपक के नेतृत्व में रवाना किए गए। ये टीमें पूरी तरह सुसज्जित थीं, जिनके पास बचाव उपकरण, प्राथमिक चिकित्सा किट, और अन्य आवश्यक संसाधन थे।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारे हिमवीरों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों (Dharali Cloudburst) में अदम्य साहस का परिचय देते हुए 37 ग्रामीणों, जिनमें 22 पुरुष, 11 महिलाएं, और 4 बच्चे शामिल थे, को सुरक्षित बचाया। सभी को ITBP की कोपांग बीओपी में ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक चिकित्सा और अन्य जरूरी सहायता प्रदान की गई। कई ग्रामीण सदमे में थे, और कुछ को मामूली चोटें आई थीं, जिनका तुरंत उपचार किया गया।”
डीसी कमल ने बताया कि ITBP की टीमें अब भी क्षेत्र में तैनात हैं और राहत कार्यों में जुटे अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “आईटीबीपी का उद्देश्य हर जरूरतमंद तक पहुंचना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हमारा बल हर चुनौती के लिए तैयार है और देशवासियों की सेवा में तत्पर है।”
यह घटना उत्तराखंड के लिए एक और प्राकृतिक आपदा (Dharali Cloudburst) की याद दिलाती है, जहां आईटीबीपी के जवान न केवल सीमा की रक्षा करते हैं, बल्कि आपदा के समय भी ‘हिमवीर’ बनकर लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
Read Also: भारत नहीं बनाएगा मिनरल कंपनियों का ‘China Model’, केंद्र सरकार ने दी स्पष्ट जानकारी