जमशेदपुर/ Dr Shukla Mahanti: कोल्हान विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति Dr Shukla Mahanti को ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने अपना एकेडमिक सलाहकार नियुक्त किया है। इस आशय की अधिसूचना ओडिशा राजभवन से जारी हो चुकी है। डॉ शुक्ला 16 जनवरी (खरमास के बाद) नई जिम्मेवारी संभालेंगी। डाॅ. शुक्ला मोहंती का नाम झारखंड के जाने-माने शिक्षाविदों में शामिल हैं। डॉ शुक्ला माहांती यूजीसी, एनसीटीई, नैक टीम में अहम जिम्मेवारी निभा चुकी हैं। Dr Shukla Mahanti लंबे समय तक जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल रहीं हैं।
Dr Shukla Mahanti तीन वर्षों तक कोल्हान विश्वविद्यालय की प्रोवीसी फिर वर्ष 2017 में कोल्हान विश्वविद्यालय की वीसी पद पर योगदान दिया। इस दौरान डाॅ. माहांती के लीडरशिप में बेपटरी हुई कोल्हान यूनिवर्सिटी को पटरी पर लौटी। हालांकि इसके बाद वे पुनः जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज की प्रिंसिपल बनीं और यहीं से सेवानिवृत हो गईं। जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज को यूजीसी से सेंटर फॉर एक्सीलेंस, नैक का ए ग्रेड, ऑटोनॉमस कॉलेज और उसके बाद यूनिवर्सिटी दर्जा दिलाने में डॉ शुक्ला माहांती की बड़ा योगदान रहा है।
Dr Shukla Mahanti : वर्ष 1981 में पटना से की थी करियर की शुरुआत
अर्थशास्त्री Dr Shukla Mahanti की करिअर की शुरुआत पटना के गर्दनीबाग राजकीय महिला कॉलेज से हुई। उस समय उनके पति आरएन मोहंती वहां पर एसडीओ पद पर पदस्थापित थे। आईएएस पति आरएन माहांती के सहयोग व अपनी कार्यकुशलता के बल पर डाॅ. माहांती सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए प्राचार्य के पद तक पहुंचीं।
Dr Shukla Mahanti ने वर्ष 2004 में जमशेदपुर में ग्रेजुएट कॉलेज की प्रिंसिपल रहते हुए उन्होंने जमशेदपुर में बीएड की पढ़ाई की शुरुआत कराई। इसके बाद जमशेदपुर के अन्य कॉलेजों में भी बीएड की पढ़ाई आरंभ हुई। ग्रेजुएट कालेज से डाॅ. माहांती का स्थानांतरण जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज (अब जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी) में हुआ। फिर Dr Shukla Mahanti ने अपनी कार्यकुशलता की बदौलत इस सरकारी कालेज को कारपोरेट कल्चर में तब्दील कर यूजीसी के समक्ष एक मिसाल पेश किया जिसकी बदौलत कालेज को सेंटर फार एक्सीलेंस, ऑटोनोमस बाद में वीमेन यूनिवर्सिटी बनने का सपना साकार हुआ।”
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