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Duckworth-Lewis method : आइये जानते हैं कैसे इसकी मदद से होता है हार-जीत का फैसला

by Rakesh Pandey
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खेल डेस्क : टीम इंडिया और आयरलैंड के बीच तीन मैचों की टी-20 सीरीज के पहले मैच में भारत ने आयरलैंड को 2 रन से हरा दिया। बारिश के कारण रोके गए इस मैच में टीम इंडिया DLS (Duckworth-Lewis method) नियम के आधार पर भारतीय टीम को विजेता घोषित किया गया।

खेल बाधित होने पर Duckworth-Lewis method से होता है फैसला

सीमित ओवर क्रिकेट मैच में जब खेल बारिश की वजह से बाधित होता है तो डकवर्थ-लुईस (Duckworth-Lewis method) नियम काम में लाया जाता है। नियम के अनुसार बारिश के बाद बचे हुए वक्त में टारगेट का पीछा कर रही टीम को नया टारगेट दिया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं यह नियम कैसे काम करता है।

जानें क्या है डकवर्थ-लुईस (Duckworth-Lewis method) नियम

वनडे और टी-20 फॅार्मेट में डकवर्थ-लुईस (Duckworth-Lewis method) का रोल काफी अहम होता है। सीमित ओवर क्रिकेट मैच में जब खेल बारिश की वजह से बाधित होता है, तो डकवर्थ-लुईस नियम का उपयोग किया जाता है। नियम के अनुसार बारिश के बाद बचे हुए वक्त में टारगेट का पीछा कर रही टीम को नया टारगेट दिया जाता है। इसमें बचे हुए विकेट और बचे हुए ओवर दोनों को ध्यान में रखा जाता है।

कैसे तय किया जाता है टारगेट?

दिलचस्प बात है कि नया टारगेट कैसे तय किया जाता है, इसके लिए एक टेबल बनाया गया है। इसमें बचे हुए ओवर और विकटों के आधार पर किसी भी टीम को नया टारगेट दिया जाता है। गौरतलब है कि मैच में एक या दो बार बाधा आने पर नए लक्ष्य को भी बदला जा सकता है। बता दें कि इस नियम (Duckworth-Lewis method) को आसानी से समझ पाना काफी कठिन है, इसलिए कई क्रिकेट फैंस डकवर्थ-लुईस नियम (Duckworth-Lewis method) का आलोचना भी करते हैं।

कब हुई थी इस नियम की शुरुआत?

इंग्लैंड के स्टेटिक्स एक्सपर्ट फ्रैंक डकवर्थ और टोनी लुईस ने इस नियम को तैयार किया था। उनके नाम पर ही इसका पहली बार साल 1997 में उपयोग किया गया था। ऑस्ट्रेलियाई अकादमिक स्टीन स्टर्न ने साल 2015 विश्व कप से पहले इस फॅार्मूले को अपडेट किया था।

कैसे समझें इस नियम को?

नियम (Duckworth-Lewis method) के अनुसार इस बात को ध्यान में रखा जाता है कि पहले खेलने वाली टीम ने इतने ही रिसोर्स (मैच के बारिश से बाधित होने तक) में कितना रन बनाया था। इसे आप कुछ ऐसे समझ सकते हैं।

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टीम 2 का नया टारगेट = टीम 1 का स्कोर

टीम 2 का नया लक्ष्‍य = टीम 1 का स्‍कोर x (टीम 2 के रिसोर्स/ टीम 1 के रिसोर्स)
अन्‍तर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट में रिसोर्स वैल्‍यू एक कम्‍प्‍यूटर प्रोग्राम के जरिए तय की जाती है। यह एक जटिल प्रक्रिया होती है।

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