दुमका : झारखंड के दुमका जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के बेनागड़िया-कौवामहल इलाके में एक बार फिर नक्सलियों के नाम पर धमकी भरे पोस्टर चिपकाने की घटना सामने आई है। इस घटना से स्थानीय लोग दहशत में हैं, क्योंकि यह इलाका पूर्व में नक्सल प्रभावित रहा है। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने इस घटना को नक्सलियों की बजाय शरारती तत्वों की करतूत बताया है और इस पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है।
क्या है मामला?
बेनागड़िया-कौवामहल इलाके में स्थित खुर्शीद अंसारी की टेलरिंग दुकान के बाहर एक पोस्टर चिपकाया गया। इस पोस्टर में लिखा था, “खुर्शीद अंसारी, पिता आयूब अली, सालबदरा में जो जमीन निकली है, वो हमारे हवाले कर दो, नहीं तो तुम्हारा अंजाम बुरा होगा।” पोस्टर पर भाकपा (माओवादी) का नाम लिखा था, लेकिन “माओवादी” की जगह “भावोवादी” लिखा था। यह पोस्टर देख इलाके के लोग सकते में आ गए, क्योंकि इस क्षेत्र में पूर्व में कई नक्सली घटनाएं हो चुकी हैं।
पुलिस ने की कार्रवाई
पोस्टर चिपकाए जाने की सूचना मिलते ही शिकारीपाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पोस्टर को जब्त कर लिया। थाना प्रभारी अमित लकड़ा ने खुद मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। खुर्शीद अंसारी से पूछताछ में पता चला कि पोस्टर में जिस सालबदरा गांव की जमीन का जिक्र किया गया है, वह पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है।
पुलिस का बयान
दुमका के एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा, “संभवत: यह किसी शरारती या असामाजिक तत्व की करतूत है। दोषियों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है।”
नक्सल मुक्त होने के बावजूद बढ़ी चिंता
हालांकि दुमका जिले को हाल के वर्षों में नक्सल मुक्त घोषित किया गया था, लेकिन यह घटना इलाके में फिर से नक्सलियों की मौजूदगी की चिंता को जन्म देती है। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही मामले में कोई ठोस कदम उठाने की बात की है।