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National Herald Case: गांधी परिवार को दिल्ली कोर्ट का नोटिस, ₹988 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेतृत्व ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों का दुरुपयोग करते हुए उन्हें व्यक्तिगत संपत्ति में बदल दिया।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उनसे यह स्पष्ट करने को कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान क्यों न लिया जाए।

नेशनल हेराल्ड केस में चार्जशीट पर कोर्ट की टिप्पणी
विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) विशाल गोगने ने पिछली सुनवाई में ईडी की अभियोजन शिकायत पर तत्काल नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था और एजेंसी को निर्देश दिया था कि वह सभी आवश्यक दस्तावेज कोर्ट में पेश करे और खामियों को दूर करे। ईडी की दलील थी कि कोर्ट बिना आरोपियों को सुने भी चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है, लेकिन न्यायाधीश ने कहा था, “जब तक मैं संतुष्ट नहीं होता, ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकता।”

अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। ईडी ने हाल ही में कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत अभियोजन शिकायत दायर की है, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस ओवरसीज़ प्रमुख सैम पित्रोदा और सुमन दुबे समेत कई अन्य को आरोपी बनाया गया है।

₹988 करोड़ की अवैध संपत्ति का आरोप
ईडी द्वारा दायर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस नेतृत्व ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों का दुरुपयोग करते हुए उन्हें व्यक्तिगत संपत्ति में बदल दिया। चार्जशीट में कथित अपराध से प्राप्त संपत्तियों की अनुमानित कीमत ₹988 करोड़ बताई गई है।

ईडी की जांच में सामने आया कि यंग इंडियन लिमिटेड नामक कंपनी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बहुलांश हिस्सेदारी है, ने महज ₹50 लाख में AJL की संपत्तियों का नियंत्रण हासिल कर लिया। जांच एजेंसी के अनुसार, इस प्रक्रिया में AJL की वास्तविक बाजार कीमत को नजरअंदाज किया गया और संपत्तियों का गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया।

नेशनल हेराल्ड का इतिहास और विवाद
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई थी। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के माध्यम से प्रकाशित होता था और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कांग्रेस की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम था। AJL हिंदी और उर्दू में भी समाचार पत्र प्रकाशित करता था।

हालांकि, बढ़ते कर्ज के चलते अखबार का प्रकाशन 2008 में बंद कर दिया गया। 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस नेताओं ने धोखाधड़ी और विश्वासघात के जरिये AJL की संपत्तियों का अधिग्रहण किया।

ED की संपत्ति जब्ती और अगली सुनवाई
ईडी ने नवंबर 2023 में इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹661 करोड़ मूल्य की अचल संपत्तियां और ₹90.2 करोड़ मूल्य के AJL के शेयर अटैच किए थे, जिन्हें “अपराध की आय” बताया गया था।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि 2 मई को कोर्ट इस मामले में किस दिशा में आगे बढ़ता है। फिलहाल, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को इस मामले में अपना पक्ष रखना होगा।

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