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बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में ईडी की बड़ी छापेमारी, फर्जी दस्तावेज और अवैध हथियार बरामद

ईडी के अधिकारियों के मुताबिक रांची के बरियातू क्षेत्र में स्थित होटल स्काई लाइन, आश्वी डायग्नोसिस, बाली रिसॉर्ट और माउंटेन व्यू रिसॉर्ट सहित छह ठिकानों पर छापेमारी की गई।

by Rakesh Pandey
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रांची/कोलकाता : झारखंड और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी छापेमारी की है। रांची, पाकुड़ और कोलकाता समेत कई ठिकानों पर मंगलवार को ईडी की टीम ने तलाशी ली। इस दौरान अधिकारियों ने कई अहम सामान बरामद किए हैं, जिनमें फर्जी आधार कार्ड, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, नकदी, आभूषण और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल हैं।

छापेमारी में बरामद सामग्री


ईडी के अधिकारियों के मुताबिक रांची के बरियातू क्षेत्र में स्थित होटल स्काई लाइन, आश्वी डायग्नोसिस, बाली रिसॉर्ट और माउंटेन व्यू रिसॉर्ट सहित छह ठिकानों पर छापेमारी की गई। इसके अलावा, पाकुड़ के पिरतल्ला स्थित अल्ताफ मनकर के ठिकाने पर भी जांच की गई। छापेमारी के दौरान ईडी ने कई फर्जी दस्तावेज और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है, जिनमें फर्जी आधार, जाली पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्ति के दस्तावेज, नकदी, आभूषण, प्रिंटिंग पेपर और प्रिंटिंग मशीन शामिल हैं।

बांग्लादेशी घुसपैठ और तस्करी की साजिश


यह कार्रवाई 16 सितंबर को दर्ज की गई मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के तहत की गई है, जब ईडी ने झारखंड में बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और संदिग्ध घुसपैठ की जांच शुरू की थी। ईडी के मुताबिक, इन गतिविधियों का उद्देश्य काले धन को उत्पन्न करना था। इस मामले में ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है।

झारखंड पुलिस की रिपोर्ट और गिरफ्तारी


इस मामले की शुरुआत रांची के बरियातू थाना में दर्ज एक प्राथमिकी से हुई थी, जिसे जून में एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया था। महिला ने बताया था कि बांग्लादेश से भारत आकर उसे वेश्यावृत्ति के लिए काम में लगाया गया था। इस दौरान बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ और उनकी भारतीय नागरिकता स्थापित करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने का काम भी सामने आया।

इस मामले में पुलिस ने एक स्थानीय रिसॉर्ट से पांच से छह महिलाओं को गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से वेश्यावृत्ति में लिप्त थीं। 21 वर्षीय बांग्लादेशी युवती को भी एक स्थानीय एजेंट के माध्यम से कोलकाता लाया गया था, और बाद में उसे अवैध तरीके से बांग्लादेश सीमा पार कराई गई।

काले धन और अवैध घुसपैठ पर कड़ी कार्रवाई


ईडी ने इस पूरे मामले में बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी पहचान प्रमाण बनाने वाले कई अन्य लोगों की संलिप्तता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इस प्रकार की गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य काला धन उत्पन्न करना और अवैध व्यापार को बढ़ावा देना है। ईडी की टीम अब इस व्यापक मामले में गंभीर जांच कर रही है, ताकि उन एजेंटों और नेटवर्क को बेनकाब किया जा सके, जो बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ कराते हैं।

कार्रवाई की गति और अगले कदम


ईडी की कार्रवाई से यह साफ संकेत मिलता है कि बांग्लादेशी घुसपैठ और फर्जी दस्तावेज़ों के खिलाफ सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ और इससे जुड़ी आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक व्यापक जांच की आवश्यकता है, जो न केवल काले धन के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए, बल्कि देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को भी सुनिश्चित करे।

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