पटना : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ जांच तेज कर दी है। अब, ईडी ने उन पर सरकारी योजनाओं में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के नए आरोप लगाए हैं, जिसके चलते आईएएस अधिकारी के खिलाफ एक नया केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए ईडी ने बिहार के गृह विभाग से लिखित अनुमति मांगी है, ताकि आरोपी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा सके। इस संदर्भ में, गृह विभाग के विशेष सचिव को एक 25 से 30 पन्नों की रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें संजीव हंस पर लगाए गए आरोपों के आधार पर विस्तृत जानकारी दी गई है।
ED का आरोप : 100 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित करना
ईडी के मुताबिक, संजीव हंस ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए 100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित की है। यह संपत्ति सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के माध्यम से हासिल की गई। ईडी ने दावा किया है कि संजीव हंस ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी धन का गबन किया और उसके बदले में रिश्वत और अन्य अवैध तरीके से संपत्ति जमा की।
पहले से दायर चार्जशीट में कई आरोपी और संपत्ति जब्त
इससे पहले, ईडी ने संजीव हंस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में एक चार्जशीट दायर की थी। यह चार्जशीट 20 हजार पन्नों की है, जिसमें संजीव हंस के अलावा राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव, शादाब खान और तीन कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में इन आरोपियों पर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करने और भ्रष्टाचार में शामिल होने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
इसके अलावा, ईडी ने संजीव हंस और उनके करीबी सहयोगियों की सात अचल संपत्तियां भी जब्त की हैं। जब्त की गई संपत्ति की कुल कीमत 23.72 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह कार्रवाई पीएमएलए एक्ट 2002 के तहत की गई है, जो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में कार्रवाई करने का प्रावधान करता है।
ईडी की जांच में गिरफ्तारी और चार्जशीट का सिलसिला जारी
अब तक, ईडी ने इस मामले में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट में महत्वपूर्ण जानकारियां पेश की गई हैं। इसके अलावा, ईडी ने इस मामले में संजीव हंस के करीबी लोगों जैसे प्रवीण चौधरी और पुष्पराज के नाम भी चार्जशीट में शामिल किए हैं। इन आरोपियों पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के साथ-साथ सरकारी धन की हेराफेरी करने का आरोप है।