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झारखंड में बिजली दरें बढ़ने की संभावना, 40% वृद्धि का प्रस्ताव पेश

वर्तमान दर 6.65 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 9.25 रुपये प्रति यूनिट करने का अनुरोध किया गया है।

by Rohit Kumar
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रांची: झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं को जल्द ही झटका लग सकता है, क्योंकि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली दरों में लगभग 40% की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। जेबीवीएनएल ने राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष अपना वार्षिक टैरिफ प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए वर्तमान दर 6.65 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 9.25 रुपये प्रति यूनिट करने का अनुरोध किया गया है।

200 यूनिट तक फ्री बिजली जारी रहेगी

राज्य सरकार द्वारा 200 यूनिट तक की बिजली मुफ्त देने की योजना जारी रहेगी। इसके अलावा, 400 यूनिट तक की खपत पर उपभोक्ताओं को सब्सिडी भी दी जाएगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि आम उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा।

उपभोक्ताओं से मांगी जाएगी राय

जेएसईआरसी अब इस प्रस्ताव की समीक्षा करेगा और राज्य के अलग-अलग प्रमंडलों में जनसुनवाई आयोजित करेगा। इन सुनवाईयों में उपभोक्ताओं से उनकी राय ली जाएगी। उपभोक्ताओं के सुझावों और आपत्तियों के आधार पर ही आयोग अंतिम निर्णय लेगा। गौरतलब है कि पिछली बार 30 सितंबर को जारी किए गए टैरिफ ऑर्डर में आयोग ने बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी और जेबीवीएनएल के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

13 हजार करोड़ का रिसोर्स गैप


जेबीवीएनएल ने अपनी रिपोर्ट में 13 हजार करोड़ रुपये के वार्षिक रिसोर्स गैप का उल्लेख किया है। यह अंतर बिजली खरीदने और बेचने में हुई राजस्व की कमी को दर्शाता है। इस घाटे को पूरा करने के लिए बिजली दरों में 40% वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है।

बढ़ी दरों का प्रस्ताव क्यों?


जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक (कमर्शियल) संजय सिंह के अनुसार, निगम को बिजली आपूर्ति और संचालन में भारी खर्च का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि निगम ने वित्तीय स्थिति सुधारने और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 9.25 रुपये प्रति यूनिट की नई दर का अनुरोध किया है।

जनसुनवाई के बाद होगा निर्णय


अब राज्य विद्युत नियामक आयोग यह मूल्यांकन करेगा कि क्या दरों में प्रस्तावित वृद्धि आवश्यक है। जनसुनवाई में उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाओं को शामिल करने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल उपभोक्ता आयोग के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि यह वृद्धि राज्य में लाखों उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डाल सकती है।

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