चाईबासा : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिला स्थित सारंडा के घने जंगल में नक्सलियों द्वारा पूर्व में लगाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट से एक हाथी बुरी तरह से घायल हो गया था। उसकी शनिवार रात इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे यह साफ हो गया कि सारंडा जंगल ने मनुष्य के साथ वन विभाग और पशु प्रेमियों के बीच भी चिंता बढ़ा दी है। घायल हाथी के एक पैर में गंभीर जख्म था और पूरे शरीर में तेजी से संक्रमण फैल चुका था। शरीर से अधिक रक्तस्राव होने से उसकी जान चली गई।

कैसे हुआ हादसा जानकारी के अनुसार, यह विस्फोट समठा वन क्षेत्र के तिरिलपोशी इलाके में हुआ था, जहां नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए पहले से आईईडी प्लांट किया था। दुर्भाग्यवश, एक मासूम हाथी इस आईईडी की चपेट में आ गया और उसका एक पैर बुरी तरह फट गया था।
घायल हाथी की तलाश और ट्रेसिंग ऑपरेशन मैं भी हुई देरी
घटना की सूचना मिलने के 8 दिन बाद आरसीसीएफ (जमशेदपुर) स्मिता पंकज और डीएफओ (सारंडा) अविरुप सिन्हा के नेतृत्व में झारखंड-ओडिशा वन विभाग और पशु कल्याण संस्था वनतरा (Vanatara) की संयुक्त टीम ने सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया। कई घंटों की कड़ी मेहनत के बाद टीम ने जंगल के भीतर घायल हाथी को खोज निकाला। सारंडा जंगल के दीघा से वन विभाग की टीम उसे जराइकेला लेकर आई थी। यहां इलाज के दौरान कल रात मौत हो गई।
जंगल में ही शुरू हुआ मुश्किल ऑपरेशन
वन विभाग की टीम को 4 जुलाई को ही हाथी का लोकेशन मिल चुका था। वनतरा की विशेषज्ञ पशु चिकित्सा टीम शुक्रवार को ही पहुंच गई थी, जिसके बाद शनिवार को पूरी सतर्कता के साथ उपचार शुरू किया गया। हाथी को बेहोश करने के लिए सेडेटिव इंजेक्शन दिया गया, ताकि उसका उपचार जंगल में ही शुरू किया जा सके। स्थिति इतनी गंभीर है कि हाथी को जंगल से बाहर लाना संभव नहीं था, इसलिए जंगल में ही अस्थायी टेंट, दवाएं, पानी और सभी आवश्यक संसाधनों के साथ इलाज किया जा रहा था। बाद में उसे बेहतर इलाज के लिए ट्रैकुलाइज कर देर रात जंगल से जराईकेला लाया गया था।
रक्तस्राव और संक्रमण फैलने से हुई मौत
घायल मासूम हाथी की मौत रक्तस्राव और संक्रमण फैलने से हुई। काफी नाजुक हालत में वनतारा (जामनगर, गुजरात) के डॉक्टरों और वन विभाग की टीम लगातार घायल हाथी के पास मौजूद रही। हाथी का पैर बुरी तरह फट चुका था और पूरे शरीर में संक्रमण फैल गया था। अधिक रक्तस्राव होने से उसकी स्थिति काफी नाजुक हो गई थी।
रविवार को होगा पोस्टमार्टम
वन विभाग के अनुसार हाथी के बच्चा का रविवार (7 जुलाई 2025) को पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद जंगल में ही उसे दफना दिया जाएगा।