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मोदी मंत्रिमंडल में मुसलमान चेहरे की एंट्री संभव, पसमांदा समुदाय को मिल सकती है जगह

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय मुख्यधारा में पसमांदा मुस्लिम समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया जा सकता है।

by Reeta Rai Sagar
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नई दिल्ली : मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारियों के बीच केंद्र की भाजपा-नीत एनडीए सरकार मुस्लिम प्रतिनिधित्व को लेकर उठ रही विपक्ष की आलोचनाओं को जवाब देने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम चेहरे को शामिल करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं और यह नियुक्ति अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री (MoS) के रूप में हो सकती है।

पसमांदा समुदाय से हो सकती है नियुक्ति

प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत के अनुरूप, पसमांदा मुस्लिम समुदाय से किसी नेता को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना जताई जा रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह निर्णय राष्ट्रीय मुख्यधारा में पसमांदा मुस्लिम समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया जा सकता है।

भाजपा के संभावित मुस्लिम चेहरे

वर्तमान में भाजपा के पास दो प्रमुख मुस्लिम चेहरे हैं – गुलाम अली खताना, जो राज्यसभा सांसद हैं, और जमाल सिद्दीकी, जो पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। यदि जमाल सिद्दीकी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो उन्हें बाद में राज्यसभा की सीट भी दी जा सकती है। जमाल सिद्दीकी महाराष्ट्र से हैं, जबकि खताना जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मई से जुलाई के बीच हो सकता है फेरबदल

सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में यह फेरबदल मई से जुलाई के बीच संभव है, जिसके तहत कम से कम एक दर्जन मंत्रालयों में बदलाव हो सकता है। यह कदम प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर उठाया जाएगा।

इन मंत्रालयों में हो सकते हैं बदलाव

संभावित फेरबदल में जिन मंत्रालयों पर असर पड़ सकता है, उनमें शामिल हैं:
• अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (वर्तमान में किरेन रिजिजू के पास)
• सूचना और प्रसारण मंत्रालय
• शहरी विकास मंत्रालय
• पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
• कानून और न्याय मंत्रालय
• पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय
• कोयला और खनन मंत्रालय
• इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत होगा लागू

भाजपा में संगठनात्मक और प्रशासनिक स्तर पर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ‘एक व्यक्ति, एक पद’ के सिद्धांत को इस बार सख्ती से लागू किया जाएगा। यह कदम कुशल और केंद्रित शासन व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीति मानी जा रही है।

भाजपा अध्यक्ष के चयन के बाद बढ़ेगी प्रक्रिया

माना जा रहा है कि यह मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की प्रक्रिया भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद जोर पकड़ सकती है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी का चुनाव मई के दूसरे सप्ताह तक हो सकता है।

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