रांची : सदर अस्पताल रांची एक के बाद एक कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वहीं मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी विस्तार हो रहा है। अब सदर के आई डिपार्टमेंट ने एक और उपलब्धि हासिल की है। 5 महीने में 500 से ज्यादा मोतियाबिंद सर्जरी डॉक्टरों ने किया है। विभाग में अत्याधुनिक तकनीक और सुविधाओं का लाभ मरीजों को मिल रहा है। अस्पताल में मोतियाबिंद और अन्य नेत्र संबंधित ऑपरेशनों के लिए फेको विधि और एसआईसीएस विधि का उपयोग किया जा रहा है। यहीं वजह है कि ऑपरेशन की सफलता दर में वृद्धि हो रही है।

सप्ताह में तीन दिन ऑपरेशन
अस्पताल में सप्ताह में तीन दिन ऑपरेशन किए जाते हैं। ऑपरेशन के दिन 12 से 20 मरीजों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया जाता है। ऑपरेशन के बाद मरीजों को लेंस प्रत्यारोपण की सुविधा भी प्रदान की जाती है। यहां पर मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीजों को लगभग दो महीने का समय पहले से ही मिल जाता है। अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रांची जिले के सभी 14 प्रखंडों से मरीज आते हैं। जिनका इलाज सदर अस्पताल के नेत्र विभाग में किया जा रहा है।
स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम
नेत्र विभाग की टीम का नेतृत्व डॉ. प्रीतिश प्रणय के हाथों में है। जिन्होंने नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता साबित की है। उनके कुशल मार्गदर्शन में टीम बेहतर सेवा मरीजों को प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। अस्पताल में जिला अंधापन नियंत्रण कार्यक्रम और आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ मरीजों को मिल रहा है। जिससे मरीजों को मुफ्त इलाज और अन्य सुविधा मिल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को भी अब अस्पताल तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। जिन्हें सदर अस्पताल आने में दिक्कत होती है, वाहन सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। यह सेवा आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदान की जा रही है ताकि दूरदराज से आए मरीजों को इलाज में कोई समस्या न हो।
ये है विभाग की योजना
नेत्र विभाग में आने वाले समय में और भी नई सुविधा शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। जिससे अधिक से अधिक मरीजों को फायदा हो सके। सदर अस्पताल के नेत्र विभाग में कार्यरत सभी चिकित्सक, नेत्र पदाधिकारी, नेत्र सहायक, नर्सिंग स्टाफ और अन्य सहयोगी कर्मी दिन-रात मेहनत करके अस्पताल की सुविधाओं को और भी बेहतर बना रहे हैं। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि हमारे यहां हाईटेक मशीन लगी है। किसी भी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में ऐसी सुविधा नहीं है। नेत्र विभाग अब एक उत्कृष्ट मॉडल के रूप में उभर कर सामने आया है। जहां मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल रहा है।