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एमजीएम में बच्ची की मौत पर परिजनों ने डॉक्टर को पीटा, बंद रहा ओपीडी

by Rakesh Pandey
एमजीएम में बच्ची की मौत पर परिजनों ने डॉक्टर को पीटा
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जमशेदपुर : महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सोमवार की देर रात एक पांच साल की बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद मृतक के माता-पिता सहित उनके परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसके बाद ड्यूटी पर तैनात एक चिकित्सक की पिटाई कर दी।

एमजीएम में बच्ची की मौत पर परिजनों ने डॉक्टर को पीटा

विरोध में मंगलवार को एमजीएम अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा बंद कर दी। वहीं, अस्पताल परिसर में ही धरना-प्रदर्शन करने लगे। इससे पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। इसे देखते हुए मौके पर एसडीओ पीयूष सिन्हा सहित साकची पुलिस भी पहुंची। आरोपित लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। तब जाकर चिकित्सकों ने अपना प्रदर्शन खत्म किया और काम पर लौटे।

क्या है मामला
सीतारामडेरा निवासी पांच वर्षीय बच्ची को सोमवार को भर्ती कराया गया। बच्ची का नाम अन्नु प्रधान है। भर्ती होने के बाद बच्ची की स्थिति लगातार बिगड़ते गई। वहीं,

इलाज के क्रम में रात लगभग एक बजे बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। वहीं, इसके कुछ ही देर के बाद ड्यूटी पर तैनात डा. कमलेश उरांव पर हमला कर दिया। बढ़ते घटना को देखते हुए ड्यूटी पर तैनात नर्स व अन्य कर्मचारी भाग खड़े हुए। जिससे डॉक्टर और भी अकेला पड़ गए। परिजनों ने डॉक्टर को हाथ-मुक्का से मारपीट किया है।

मलेरिया से पीड़ित थी बच्ची
इलाज करने वाले चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची मलेरिया से पीड़ित थी। उसे कई दिनों तक घर में ही रखकर इलाज किया जा रहा था। वहीं, सोमवार को जब स्थिति काफी गंभीर हुई तो अस्पताल लाया था। उस दौरान बच्ची बेहोशी की हालत में थी। इसकी जानकारी परिजनों को दी गई। इसके बावजूद भी वे हमला कर दिए।

आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज
पीड़ित चिकित्सक डॉ. कमलेश उरांव ने आरोपित के खिलाफ साकची थाने में मामला दर्ज कराया है। डॉ. कमलेश ने कहा है कि सोमवार की रात वे ड्यूटी में तैनात थे। इस दौरान अन्य रोगियों के साथ-साथ पांच वर्षीय बच्ची का भी इलाज कर रहा था।

बच्ची की स्थिति पूर्व से ही गंभीर थी। इसकी जानकारी बच्ची के माता-पिता को दी गई थी। इसी बीच रात 1.20 बजे बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद मृतक के परिजनों एवं उनके सहयोगी 10-15 की संख्या में आएं और पीआईसीयूू में घुस कर गाली-गलौज किया। इसके साथ ही मारपीट भी शुरू कर दी। इस दौरान मेरे सिर व कलाई से खून बहने लगा। इस दौरान मैं बेहोश हो गया। फिर भी वे मारते रहें।

24 घंटे के अंदर नहीं हुई गिरफ्तारी तो होगा आंदोलन

इधर, इस घटना को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने भी गंभीरता से लिया है। आइएमए के अध्यक्ष डॉ. जीसी माझी व सचिव डॉ. सौरभ चौधरी एमजीएम अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने घटना स्थल का भी निरीक्षण किया और पीड़ित चिकित्सक के साथ हुई घटनाक्रम को जाना। इसके बाद सचिव डा. सौरभ चौधरी ने एलान किया कि अगर 24 घंटे के अंदर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के साथ लगातार मारपीट की जा रही है जिसे आइएमए बर्दाश्त नहीं करेगा।

सुरक्षा-व्यवस्था पर भी उठे सवाल

एमजीएम अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होने लगा है। अस्पताल की सुरक्षा में होम गार्ड के जवानों को तैनात किया गया है लेकिन जिस वक्त घटना हुई उस दौरान मौके पर कोई भी जवान तैनात नहीं थे। इससे सुरक्षा व्यवस्था जांच के घेरे में हैं। इसकी जांच भी शुरू हो गई है। एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ.रविंद्र कुमार ने बताया कि इस तरह की घटना होना दुखद है। पूरे मामले की जांच की जा रही है, जो भी इसमें दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्ती के साथ कार्रवाई की जाएगी।

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