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पहली बार कोई अमेरिकी बना पोप, जानिए पोप लियो चौदहवें के बारे में 10 खास बातें

पोप बनने से पहले रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट वेटिकन के उस विभाग के प्रमुख थे जो दुनियाभर में बिशपों की नियुक्ति का कार्य करता है। यह विभाग कैथोलिक चर्च की नीतियों और नेतृत्व में एक अहम भूमिका निभाता है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: वेटिकन सिटी कैथोलिक चर्च के इतिहास में पहली बार अमेरिका में जन्मे किसी व्यक्ति को पोप चुना गया है। 69 वर्षीय कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट को पोप लियो XIV के रूप में निर्वाचित किया गया है। उन्हें 133 कार्डिनलों द्वारा चुना गया। पोप फ्रांसिस के निधन के बाद उन्होंने कैथोलिक चर्च का नेतृत्व संभाला है।

पोप लियो XIV: पहले अमेरिकी जिसने रचा इतिहास
पोप लियो चौदहवें का चयन न केवल वेटिकन के लिए बल्कि पूरी कैथोलिक दुनिया के लिए ऐतिहासिक है। यह निर्णय उस बदलते वैश्विक परिदृश्य को दर्शाता है जहां अब यूरोपीय देशों की तुलना में अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में कैथोलिक जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।

शिकागो में जन्मे पोप लियो XIV
रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट का जन्म 1955 में शिकागो, इलिनॉय में हुआ था। उनके प्रारंभिक जीवन में एक मजबूत कैथोलिक शिक्षा और संस्कारों की झलक मिलती है। अमेरिका की सांस्कृतिक विविधता में पले-बढ़े प्रेवोस्ट ने युवा उम्र से ही चर्च सेवा की ओर रुझान दिखाया।

27 वर्ष की आयु में पादरी बने
1982 में मात्र 27 वर्ष की आयु में वे पादरी नियुक्त हुए। इसके बाद उन्होंने शैक्षणिक, आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में व्यापक योगदान दिया।

पेरू में मिशनरी और बिशप के रूप में लंबी सेवा
प्रेवोस्ट ने लगभग 20 वर्ष पेरू में मिशनरी कार्य करते हुए बिताए। वे वहां एक पेरिश पादरी, शिक्षक और बाद में बिशप भी बने। उन्होंने पेरू की नागरिकता भी ग्रहण की थी।

अगस्टिनियन ऑर्डर के वैश्विक प्रमुख
वे कैथोलिक धार्मिक संस्था अगस्टिनियन ऑर्डर के अंतरराष्ट्रीय प्रमुख रह चुके हैं। इस भूमिका में उन्होंने दुनियाभर की यात्राएं कीं और चर्च के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूत किया।

कैनन लॉ के विशेषज्ञ
पोप लियो XIV ने रोम के पोंटिफिकल यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट थॉमस एक्विनास से कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। उनकी कानूनी विशेषज्ञता ने उन्हें वेटिकन में प्रभावशाली पदों तक पहुंचाया।

वैश्विक बिशप नियुक्तियों की निगरानी
पोप बनने से पहले वे वेटिकन के उस विभाग के प्रमुख थे जो दुनियाभर में बिशपों की नियुक्ति का कार्य करता है। यह विभाग कैथोलिक चर्च की नीतियों और नेतृत्व में एक अहम भूमिका निभाता है।

अंग्रेज़ी, स्पेनिश और इतालवी में निपुण
पोप लियो XIV को अंग्रेज़ी के साथ-साथ स्पेनिश और इतालवी भाषा में भी पूर्ण अधिकार है। उनकी भाषाई क्षमताएं उन्हें विभिन्न देशों की कैथोलिक आबादी से सीधे संवाद में सक्षम बनाती हैं।

ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर आलोचनात्मक रुख
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से उनकी प्रशंसा की थी, परंतु पोप लियो XIV का आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पूर्व अमेरिकी प्रशासन की प्रवासी नीतियों की आलोचना करता रहा है। वर्ष 2024 में उन्होंने एक पोस्ट साझा की थी जिसमें जनसंख्या की जबरन निर्वासन नीति की निंदा की गई थी।

वैश्विक दृष्टिकोण वाले सम्मानित नेता
पोप लियो XIV को चर्च के भीतर एक वैश्विक नेता के रूप में देखा जाता है। अमेरिका में जन्म होने के बावजूद उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा अंतरराष्ट्रीय सेवा में बिताया, जिससे वे एक अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण वाले नेता के रूप में स्थापित हुए हैं।

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