पटना: बिहार खेल के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। पिछले साल महिला एशियन हॉकी चैंपियनशिप के सफल आयोजन के बाद, अब एक और बड़ा खेल आयोजन बिहार में हो रहा है। पटना के पाटलिपुत्र इनडोर खेल परिसर में 20 मार्च से 25 मार्च तक सेपकटाकरा वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है।
20 देशों के 300 से अधिक खिलाड़ी होंगे शामिल
बिहार में पहली बार हो रहे सेपकटाकरा वर्ल्ड कप के आयोजन में 20 देशों के 300 से अधिक खिलाड़ी और स्पोर्ट्स स्टाफ भाग लेंगे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के नेतृत्व में यह खेल उत्सव आज (20 मार्च) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शुभारंभ के साथ शुरू होगा।
सेपकटाकरा: एक रोमांचक खेल
सेपकटाकरा एक खेल है जिसे मलेशिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया और सिंगापुर के मल्ले कम्युनिटी (मछली पकड़ने वाले समुदाय) ने शुरू किया था। शुरू में पत्तियों से बॉल बनाकर इसे खेला जाता था। 1982 के एशियाई खेलों में इसे एक प्रदर्शनी खेल के रूप में शामिल किया गया था, और 1990 में बीजिंग एशियाई खेलों में इसे स्थायी खेल के रूप में मान्यता मिल गई। इस खेल का नाम ‘सेपकटाकरा’ मलेशिया के ‘सेपक’ और थाईलैंड के ‘टाकरा’ शब्दों से लिया गया है।
भारत की महिला और पुरुष टीमें भी शामिल
सेपकटाकरा वर्ल्ड कप में कुल पांच इवेंट्स होंगे। इनमें से तीन पुरुषों, तीन महिलाओं और एक मिश्रित स्पर्धा होगी। खास बात यह है कि इस प्रतियोगिता में भारत की महिला और पुरुष टीम भी शामिल होगी। खेल के दौरान हर इवेंट में खिलाड़ियों को सिर और पैर से बॉल को किक करने की चुनौती होगी। इस खेल को वॉलीबॉल जैसा समझा जा सकता है, लेकिन इसके मुकाबले में बाइसिकल किक हर पल होता है, जो इसे और भी रोमांचक बनाता है।
नहीं शामिल होगी चीन की टीम
इस वर्ल्ड कप में 20 देशों की टीमें भाग लेंगी, जिनमें जापान, थाईलैंड, म्यांमार, वियतनाम, ईरान, ब्राजील, न्यूजीलैंड, फ्रांस, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पोलैंड और यूएसए जैसी टीमें शामिल हैं। चीन की टीम तकनीकी दिक्कतों के कारण इस टूर्नामेंट में नहीं पहुंच पा रही है, और उनकी जगह वॉकओवर दिया जाएगा।
खिलाड़ियों और बिहार के लिए कई तोहफे
इस आयोजन से बिहार को कई लाभ होने जा रहे हैं। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन संकरण ने बताया कि यह आयोजन राज्य के लिए अंतरराष्ट्रीय गौरव का विषय है। टूर्नामेंट के बाद अगले एक साल तक भारतीय सेपकटाकरा टीम की जर्सी पर बिहार का नाम लिखा रहेगा, जिससे बिहार की ब्रांडिंग भी होगी।
इसके अलावा, इंटरनेशनल सेपकटाकरा फेडरेशन ने राजगीर में एक सेपकटाकरा अकादमी खोलने का प्रस्ताव दिया है। इस अकादमी से राज्य में सेपकटाकरा के खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा।
बिहार के लिए यह आयोजन क्यों खास
यह आयोजन बिहार के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसके जरिए राज्य में खेलों का प्रचार-प्रसार होगा, और खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता साबित करने का मौका मिलेगा। खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने इस आयोजन को लेकर कहा कि इससे ना सिर्फ बिहार के खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि यह राज्य की खेल नीति की सफलता को भी दर्शाता है।
बिहार में खेल का नया दौर
बिहार में खेलों के प्रति सरकार की नीतियां और योजनाएं लगातार बेहतर हो रही हैं। पिछले वर्ष महिला हॉकी एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के सफल आयोजन के बाद, अब सेपकटाकरा वर्ल्ड कप का आयोजन हो रहा है। इसके बाद महिला कबड्डी वर्ल्ड कप, हीरो मेन्स हॉकी एशियाई चैंपियनशिप और खेलो इंडिया जैसी प्रतियोगिताएं भी बिहार में होंगी।