Home » संगम जल की सफाई के लिए 3.5 लाख किलो ब्लीचिंग पाउडर, 70 हजार लीटर फिनाइल, और भी कई तकनीक…

संगम जल की सफाई के लिए 3.5 लाख किलो ब्लीचिंग पाउडर, 70 हजार लीटर फिनाइल, और भी कई तकनीक…

Maha Kumbh 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर कई एजेंसियां पर्यावरण-अनुकूल सफाई समाधान का उपयोग कर रही हैं। बेंगलुरु विश्वविद्यालय की उन्नत ऑक्सीडेशन तकनीक भी कारगर साबित हो रही है।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है विशाल संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बीच स्वच्छता और सफाई बनाए रखना। सरकारी और निजी एजेंसियों ने मेले के क्षेत्र में स्वच्छता के लिए 1 करोड़ लीटर से अधिक सामग्री का उपयोग सफाई के लिए किया है। इन सफाई सामग्रियों से 1.5 लाख शौचालयों की सफाई किया जाना भी शामिल है।

बेंगलुरू विश्वविद्यालय ने विकसित की गई ऑक्सीडेशन तकनीक

बेंगलुरु विश्वविद्यालय की ओर से शौचालय स्वच्छता के लिए एक उन्नत ऑक्सीडेशन तकनीक विकसित की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए बेंगलुरू विश्वविद्यालय को इस सफाई व स्वच्छता कार्य में शामिल किया है।

अबतक इतनी सामग्रियों का किया गया इस्तेमाल
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई। तब से अधिकारियों ने सफाई बनाए रखने के लिए बड़ी मात्रा में सफाई एजेंट्स का उपयोग किया है। इनमें 3.5 लाख किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर, 75,600 लीटर फिनाइल और 41,000 किलोग्राम मलेथियॉन शामिल हैं। अब तक मेला क्षेत्र में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है।

पर्यावरण अनुकूल सफाई समाधान को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर कई एजेंसियां केवल पर्यावरण-अनुकूल सफाई समाधान का उपयोग कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक मजबूत अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली लागू की गई है। शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव, अमृत अभिजात ने बताया कि रोजाना 650 मीट्रिक टन कचरा बसवार संयंत्र में प्रोसेस किया जाता है, जबकि गीले कचरे को संभालने के लिए 350 सक्शन मशीनों को तैनात किया गया है।

तीन अस्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट
संगम में नदी प्रदूषण को रोकने के लिए तीन अस्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STPs) लगाए गए हैं, इसके अतिरिक्त शहर में तीन स्थायी STPs भी हैं। स्वच्छता प्रयासों की निगरानी के लिए चिकित्सा अधिकारी, पर्यवेक्षक और क्षेत्रीय प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं।

कर्मचारियों को दी गई है स्वच्छता सामग्री
स्वच्छता सेवाओं के नोडल अधिकारी, आकांक्षा राणा ने स्वच्छता अभियानों के पैमाने के संबंध में बताते हुए कहा कि 70,827 लीटर सफाई एजेंट्स, 70,582 लीटर फिनाइल कंसंट्रेट, 3.53 लाख किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर, 1,675 किलोग्राम नफ्थलीन बॉल्स और 39,812 किलोग्राम मलेथियॉन डस्ट स्वच्छता कर्मचारियों में वितरित किया गया है।

बेंगलुरु विश्वविद्यालय को दिया जा रहा श्रेय
राणा ने बेंगलुरु विश्वविद्यालय की ऑक्सीडेशन तकनीक को महाकुंभ के दौरान ताजगी और स्वच्छता बनाए रखने का श्रेय दिया। पिछले अनुभवों से सीखते हुए, मेला प्रशासन ने स्वच्छता कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, जिसमें पीने का पानी, बिजली, शौचालय की सुविधा के साथ मॉडल स्वच्छता कॉलोनियों का निर्माण, साथ ही प्राथमिक विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना की गई है।

कर्मचारियों का भी रखा जा रहा ध्यान
सफाई कार्य में लगे कर्मचारियों को उनके बैंक खातों में प्रतिवर्ष भुगतान किया जाता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। कर्मचारियों को सामुदायिक रसोई से मुफ्त भोजन भी प्रदान किया जा रहा है और उन्हें स्वास्थ्य, जीवन और दुर्घटना बीमा योजनाओं के तहत कवर किया गया है।

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