नई दिल्ली : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन वर्तमान में एक गंभीर विवाद के चक्रव्यूह में फंस गए हैं। वे हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर आ गए हैं। ईडी ने अजहरुद्दीन को पूछताछ के लिए तलब किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एचसीए के फंड का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया, जिससे लगभग 20 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई।
डीजल, जेनरेटर व अग्निशमन की खरीदारी में 20 करोड़ की गड़बड़ी
ईडी ने एचसीए से जुड़े इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के तहत कई ठिकानों पर छापेमारी की है। अजहरुद्दीन, जो पहले एचसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने उप्पल स्थित राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजल जनरेटर, अग्निशामक प्रणाली की खरीद में गड़बड़ी की। उन पर आवंटित 20 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी का आरोप है।
अजहर ने आरोपों को नकारा
ED ने उप्पल पुलिस स्टेशन में पहले से दर्ज मामले के आधार पर मामला दर्ज किया है। हालांकि, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सख्ती से नकारा है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि ईडी की पूछताछ से क्या नई जानकारियां सामने आती हैं।
पूर्व में भी लग चुका है आरोप
गौरतलब है कि, 61 साल के पूर्व क्रिकेटर पर मैच फिक्सिंग के आरोप भी लग चुके हैं। इस मामले में उनपर बैन भी लगा दिया गया था। हालांकि बाद में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने उन पर लगा बैन हटा दिया था। लेकिन उसके बाद उनकी भारतीय टीम में वापसी नहीं हुई।
कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं अजहर
2009 में राजनीति में आए अजहर कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा संसद रह चुके हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट से चुनाव लड़ा था। अजहर ने 2009 में राजनीति में अपना कदम रखा था।
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