रांची: झारखंड के पूर्व मंत्री और जदयू विधायक सरयू राय को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। यह फैसला अपर न्यायायुक्त योगेश कुमार की कोर्ट ने सुनाया, जिन्होंने पिछले सप्ताह इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने से जुड़ी इस विवादास्पद घटना के बाद, सरयू राय ने 13 फरवरी को अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी। एमपी/एमएलए की विशेष कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें संबंधित कोर्ट में उपस्थित होकर सरेंडर करने और जमानत लेने का आदेश दिया।
क्या है मामला?
यह मामला कोरोना काल से जुड़ा हुआ है, जब पूर्व मंत्री सरयू राय ने गोपनीय दस्तावेजों का हवाला देते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कोरोना काल के दौरान राशि के उपयोग की जानकारी दी थी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव विजय वर्मा ने 2 मई 2022 को डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि सरयू राय ने गोपनीय दस्तावेज लीक किए थे।
सरयू राय का बयान और कोर्ट का आदेश
सरयू राय ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया था कि उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत दी जाए। अब कोर्ट ने उनकी याचिका पर निर्णय देते हुए उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की और संबंधित कोर्ट में सरेंडर कर जमानत लेने का आदेश दिया है।