रोहतास : बिहार के रोहतास जिले के डेहरी रेलवे स्टेशन पर एक बड़ी नशे की खेप को पकड़ने में रेलवे पुलिस को सफलता हाथ लगी है। आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) और जीआरपी (जीआरपी पुलिस) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। तस्करों के पास से भारी मात्रा में अफीम बरामद हुई। यह तस्करी की खेप शेरघाटी से लेकर डेहरी आई थी और इसे हरियाणा के अंबाला ले जाया जा रहा था।
गुप्त सूचना पर रेलवे स्टेशन पर हुई छापेमारी
गुप्त सूचना पर आरपीएफ और जीआरपी की टीम ने डेहरी रेलवे स्टेशन पर एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस ने चार तस्करों को पकड़ा, जो ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन पहुंचे थे। जब तस्करों के बैग की तलाशी ली गई, तो पुलिस के होश उड़ गए। बैग से करीब 77 किलोग्राम अफीम बरामद की गई, जिसकी कीमत लगभग 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
हरियाणा भेजी जा रही थी अफीम
आरपीएफ के इंस्पेक्टर राम विलास राम ने बताया कि यह अफीम शेरघाटी से डेहरी लाया गया था और इसे गंगा-सतलुज एक्सप्रेस के जरिए हरियाणा के अंबाला भेजा जा रहा था। हालांकि, पुलिस की सतर्कता और गुप्त सूचना की वजह से तस्करों के इस नेटवर्क को नाकाम कर दिया गया।
गया व छपरा के रहनेवाले हैं तस्कर
गिरफ्तार तस्करों में दो तस्कर गया जिले के शिवकुमार और धीरज हैं, जबकि धर्मराज और हरेंद्र कुमार छपरा जिले के रहने वाले हैं। ये सभी तस्कर शेरघाटी से नशे की खेप लेकर डेहरी पहुंचे थे और अंबाला जाने की योजना बना रहे थे। तस्करों ने अफीम को चार बैग, एक ट्रॉली और एक झोले में छिपाकर रखा था। जब पुलिस ने इन बैग्स की तलाशी ली, तो उसमें से भारी मात्रा में अफीम बरामद हुई।
करीब एक करोड़ कीमत का अनुमान
अफीम के इस खेप की अनुमानित कीमत 1 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जो नशे के कारोबार के लिए एक बड़ी रकम है। यह कार्रवाई न सिर्फ तस्करों के बड़े जाल को पकड़े जाने के रूप में देखी जा रही है, बल्कि बिहार और उत्तर भारत में नशे के कारोबार पर पुलिस की सख्ती को भी दर्शाती है।
तस्करी पर लगाम कसने के लिए पुलिस की सख्ती
रोहतास जिले में हाल के दिनों में नशे के कारोबार की गतिविधियां बढ़ी हैं, और यह घटनाएं इसकी ओर इशारा करती हैं कि नशे के तस्कर लगातार नए रास्तों और तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, रेलवे पुलिस और जीआरपी की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से इस बड़े तस्करी के प्रयास को नाकाम कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई में गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि इनका नेटवर्क कितना विस्तृत है और यह अफीम अन्य स्थानों तक कैसे पहुंचती थी। पुलिस का मानना है कि यह तस्करी का एक बड़ा मामला हो सकता है, और इससे जुड़ी अन्य आपराधिक गतिविधियों का भी पता चल सकता है।
नशे के कारोबार के खिलाफ मुहिम
बिहार और उत्तर भारत में बढ़ते नशे के कारोबार के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने अपनी मुहिम तेज कर दी है। रेलवे स्टेशनों पर पुलिस की सख्ती और गुप्त सूचनाओं के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि पुलिस प्रशासन अपनी पूरी ताकत के साथ नशे के कारोबार पर लगाम कसने के लिए प्रयासरत है। बिहार के विभिन्न इलाकों में इस तरह की तस्करी रोकने के लिए पुलिस की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है, और इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल, गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ जारी है, और यह मामला आगे की जांच के लिए अदालत में भेजा जाएगा। पुलिस इस मामले में और भी बड़े खुलासे करने की तैयारी कर रही है।