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33 किलो की महिला, पेट से निकला 32 किलो का ट्यूमर, गंगा मेमोरियल अस्पताल के डॉ. नागेन्द्र ने दी नई जिंदगी

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर Ganga Memorial Hospital: पैसे तो कई लोग कमाते हैं। अपने प्रोफेशन को काफी प्रोफेशनल तरीके से चलाते हैं। बात जमशेदपुर व आसपास के ग्रामीण इलाकों की हो तो मजबूर व लाचार लोगों के लिए एक ही नाम जेहन में ऊभरता है वह है गंगा मेमोरियल अस्पताल के डॉ नागेन्द्र सिंह। वैसे तो इन्होंने कई जटिल सर्जरी कर लोगों की जान बचाई हैं। रिस्क उठाया लेकिन मरीजों की जान बचाने को अपना सबसे पहला धर्म माना। एक बार फिर उन्हें एक गरीब महिला नंदिनी सोरेन और उसके परिवार की दुआएं झोली भरके मिल रही हैं।

दो साल से बीमार थी नंदिनी, निशुल्क कैम्प में आई दिखाने
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल में एक गांव है एदल बेड़ा। जमशेदपुर से 60 किमी. दूर इस गांव में 16 जून 2024 को गंगा मेमोरियल अस्पताल के डॉ नागेन्द्र सिंह के सौजन्य से निशुल्क चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन किया गया था। उसी शिविर में अपने को दिखाने पहुंची थी नंदिनी सोरेन। उसने डॉ नागेन्द्र से बताया कि करीब दो साल से पेट में दर्द रहता है। साथ ही जब तब Bleeding और बुखार रहने की समस्या भी बताई। तब डॉ को उसके पेट में ट्यूमर होने का अंदेशा हुआ। जांच होने पर बड़े ट्यूमर का पता भी चला।

दो लाख का था खर्च, मुफ्त में हुआ इलाज

ट्यूमर का पता चलने के बाद ऑपरेशन जरूरी था। कहीं दूसरी जगह ऑपरेशन का खर्च दो लाख रुपये बताया गया। महिला के पति कारू सोरेन पत्ते चुनने-तोड़ने का काम करता है। इन पत्तों को बेचकर वह घर का खर्च चला रहा था। पति-पत्नी ने अपनी आर्थिक हालात बताई तो डॉ नागेन्द्र सिहं बिना पैसे लिए ऑपरेशन के लिए तैयार हो गये। ऑपरेशन जटिल था क्योंकि महिला का कुल वजन 33 किलो था और ट्यूमर 32 किलो का। डॉ नागेन्द्र सिंह के साथ उनकी टीम और डॉ रूद्र प्रताप ने मिलकर सफलता पूर्वक सर्जरी कर ट्यूमर बाहर निकाला।

Ganga Memorial Hospital : भगवान बनकर आये डॉ साहब- कारू सोरेन (पति)

पत्नी का जीवन बचने पर आंखों मे खुशी के आंसू भरे नंदिनी के पति कारू सोरेन ने कहा कि हमारे जीवन में भगवान के रूप में डॉ साहब (डॉ नागेन्द्र) आये। मैं अपनी पत्नी का इलाज नहीं करवा पा रहा था, इसीलिए डॉ साहब के कैम्प में दिखाया और उनके कहने पर ही गंगा मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया।

कैम्प से लेकर सारा खर्च डॉ नागेन्द्र ने किया वहन

मरीज के परिवार की आर्थिक स्थिति जानने के बाद चिकित्सा कैम्प से लेकर ऑपरेशन, दवाईयां, खाने-पीने व आने-जाने का खर्च सबकुछ डॉ नागेंद्र सिंह ने ही वहन किया। अब नंदिनी सोरेन पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और परिवार भी खुश हैं।

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