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Photon Exclusive : Jharkhand Gang War : जेलों में छापेमारी पर भारी गैंगस्टर्स नेटवर्क, Raid में खाली रहे प्रशासन के हाथ : Gangsters on Social Media

Palamu Central Jail : पलामू जेल में बंद कुख्यात सुजीत सिन्हा के फेसबुक आईडी का लगातार हो रहा इस्तेमाल। सोशल मीडिया एक्टिव होने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली रहना खड़े कर रहा सवाल। पढ़िए हमारे क्राइम रिपोर्टर सुहैब अंसारी की रिपोर्ट

by Suhaib
Jharkhand Gang War
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Palamu Jail Raid : रांची : राज्य की जेलों में बंद गैंगस्टर्स सोशल मीडिया पर जिस तरह एक्टिव हैं, उसी तरह जेल के अंदर का उनका नेटर्वक भी एक्टिव है। जेलों में छापेमारी के दौरान प्रशासन के हाथ खाली रहना पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है। सोशल मीडिया पर गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के एक्टिव रहने की सूचना पर 06 अक्टूबर की देर शाम प्रशासन ने पलामू सेंट्रल जेल में छापेमारी की। हालांकि, छापेमारी के दौरान पुलिस प्रशासन मोबाइल या किसी तरह के आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं कर सका।

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इस तरह की प्रशासनिक कार्रवाई महज खानापूर्ति साबित हो रही। पूरी प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे। सूत्रों के दावे के अनुसार, सुजीत सिन्हा सोशल मीडिया पर लगातार एक्टिव है। देखा भी जा रहा कि सुजीत सिन्हा के सोशल मीडिया अकाउंट से लगातार पोस्ट किए जा रहे। इसके बावजूद, प्रशासन को छापेमारी के दौरान सुजीत सिन्हा के पास से कुछ हाथ नहीं लगा।

यहां सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर सुजीत सिन्हा का सोशल मीडिया एक्टिव होने के बावजूद पुलिस को जेल से कुछ भी सामान क्यों नहीं मिला। सूत्र बताते हैं कि छापेमारी की सूचना जेल में कैद हाई प्रोफाइल व बड़े आपराधिक गिरोहों को पहले मिल जाती है। इसके बाद वे अपना सामान (गैरकानूनी) छिपा देते हैं। गैंगस्टर का सोशल मीडिया अकाउंट कहां से एक्टिव है, यह अब जांच का विषय है। तकनीकी जांच के बाद ही खुलासा हो सकता है कि गैंगस्टर जेल के अंदर से सोशल मीडिया ऑपरेट कर रहे हैं या कहीं बाहर से करा रहे हैं।

Jharkhand Crime Network : उठ रहे सवाल

  • गैंगस्टर के सोशल मीडिया में एक्टिव होने के बावजूद छापेमारी में क्यों नहीं मिल रहे आपत्तिजनक सामान
  • आखिर कहां से ऑपरेट किए जा रहे गैंगस्टर के सोशल मीडिया अकाउंट
  • अगर जेल के अंदर से चल रहा मोबाइल, तो छापेमारी में क्यों नहीं हो रहा बरामद

Palamu Central Jail : छापेमारी के बाद भी सुजीत सिन्हा का सोशल मीडिया अकाउंट है ऐक्टिव


इन दिनों वर्चस्व की लड़ाई में दो गैंग आमने-सामने हैं। अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए सुजीत सिन्हा और राहुल दुबे के बीच तनातनी चल रही है। कुख्यात सुजीत सिन्हा फिलहाल पलामू जेल में बंद है। यहां से उसकी गतिविधियां सोशल मीडिया पर लगातार अपडेट हो रही हैं। जेल में बंद रहने के बावजूद, उसके फेसबुक आईडी से लगातार पोस्ट किया जा रहा है।

पोस्ट में राहुल दुबे गैंग को चुनौती दी जा रही है। इन सबके बीच कोयलांचल शांति सेना (केएसएस) भी सोशल मीडिया पर लगातार राहुल दुबे को चुनौती दे रही है। आपराधिक घटना कराने के बाद केएसएस के आईडी से पोस्ट कर कुबेर जिम्मेदारी लेता है। आखिर कुबेर कौन है। एटीएस एसपी के अनुसार, कुबेर नाम की सूचना मिलने के बाद जांच शुरू की गई है। कुबेर की असली पहचान के लिए कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, सूत्रों का दावा है कि कुबेर फर्जी नाम है। कुबेर कोई और नहीं, खुद सुजुत सिन्हा है।

बता दें कि केएसएस की स्थापना भी कुख्यात सुजीत सिन्हा ने की है। राहुल दुबे को चुनौती देने के लिए इस कथित गिरोह का गठन सितंबर 2025 में किया गया। केएसएस के गठन के पहले गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने 28 अगस्त 2025 को फेसबुक पर एक पोस्ट कर दावा किया था- वह सुजीत सिन्हा गिरोह और अमन साहू गिरोह का विलय कर एक संगठन बनाने जा रहा है, जिसका नाम कोयलांचल शांति सेना होगा। इसके बाद केएसएस के फेसबुक आईडी से 5 सितंबर को एक पोस्ट किया गया। इसमें कहा गया कि अगर आज के बाद कोई भी नक्सली या आपराधिक संगठन कोयलांचल (लातेहार, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची, बोकारो और धनबाद) में चार गोलियां चलाएगा, तो उसके जवाब में की गई कार्रवाई में 40 गोलियां चलाई जाएंगी।

जेल में चल रहा 2-जी जैमर


झारखंड की जेलों में 2-जी जैमर इंस्टॉल किया गया है। जामना अब 5-जी का चल रहा है और जेलों में 2-जी जैमर का होना गंभीर बात है। सूत्र बतातें हैं कि इसका फायदा अपराधियों को मिल रहा है। जेल के अंदर 4-जी और 5-जी का इस्तेमाल किया जा रहा है। 2-जी जैमर का 4-जी और 5-जी पर कोई असर नहीं होता है।

THE PHOTON NEWS : ‘द फोटोन न्यूज’ ने उठाया है मुद्दा

जेल में सोशल मीडिया के जरिए चल रहे अपराध के नेटवर्क और रंगदारी वसूली को लेकर हो रहे खेल के मुद्दे को ‘द फोटोन न्यूज’ ने प्रमुखता से उठाया है। इस दौरान झारखंड में चल रही आपराधिक गतिविधियों को उजागर किया जाएगा।

Rishabh Jha SP, ATS : वजर्न

सोशल मीडिया में गैंगस्टर के एक्टिव रहने की सूचना मिली है। जिस कुबेर नाम से पोस्ट कर धमकियां दी जा रही हैं, उसका सत्यापन किया जा रहा है। जांच शुरू कर दी गई है। जेल के अंदर से सोशल मीडिया में एक्टिव रहने की भी जांच की जा रही है।
ऋषभ झा, एसपी, एटीएस

देर शाम पलामू सेंट्रल जेल में जिला प्रशासन ने छापेमारी की थी। हालांकि, छापेमारी के दौरान पुलिस को कोई भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला।

भागीरथी कारजी, सुपरिंटेंडेंट, पलामू सेंट्रल जेल

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