गढ़वा : पलामू जिले के हरिहरगंज स्थित ट्रिपल एस ईंट भट्ठे पर काम करने गए गढ़वा और आसपास के मजदूर को फूड प्वाइजनिंग (डायरिया) का शिकार हो गये। इससे कई मजदूरों की तबीयत खराब हो गई। इनमें गढ़वा के लगमा, मेराल के अकलवानी और रंका क्षेत्र के गांवों के मजदूर और उनके परिवार शामिल हैं। सोमवार को बीमार पड़े आठ लोगों को गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।
फूड प्वाइजनिंग से कई मजदूरों की हालत बिगड़ी
जानकारी के अनुसार, हरिहरगंज के पास ट्रिपल एस ईंट भट्ठे पर रंका, लगमा और मेराल के अकलवानी गांव के मजदूर अपने परिवारों के साथ काम करने गए थे। इनमें अकलवानी के कामेश्वर भुइयां के परिवार के आठ सदस्य, अजय भुइयां के परिवार के चार सदस्य, सोमारू भुइयां के परिवार के छह सदस्य, और लगमा गांव के योगेंद्र भुइयां के परिवार के दो लोग शामिल हैं। सभी मजदूरों को अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में ठेकेदार फरीद अंसारी (पिता- बदरू मियां) द्वारा ईंट भट्ठे पर ले जाया गया था।
भोजन के बाद अचानक बिगड़ी तबीयत
शुक्रवार को मजदूरी मिलने के बाद सभी मजदूर हरिहरगंज बाजार से सब्जी और अन्य जरूरत का सामान लेकर आए। रात में खाना खाकर सभी सो गए। लेकिन शनिवार की सुबह से मजदूरों और उनके परिवार के बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायत होने लगी। कई मजदूरों की हालत बिगड़ने पर उन्हें हरिहरगंज और औरंगाबाद के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
20 वर्षीय मजदूर की डायरिया से मौत
मजदूर सोमारू भुइयां ने बताया कि ईंट भट्ठे पर काम कर रहे 20 वर्षीय मजदूर की डायरिया से मौत हो गई, जो हरिहरगंज क्षेत्र का निवासी था। इसके अलावा, ईंट भट्ठे पर काम करने वाले कई अन्य मजदूर भी डायरिया की चपेट में आ चुके हैं। हालात को देखते हुए गढ़वा जिले के मजदूर अपने बीमार परिवारों के साथ सोमवार को घर लौट आए और गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती हुए।
अस्पताल में इलाजरत मजदूरों की स्थिति स्थिर
गढ़वा सदर अस्पताल में भर्ती किए गए सभी मजदूरों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। अस्पताल प्रशासन मजदूरों के स्वास्थ्य पर कड़ी नजर रखे हुए है। गढ़वा प्रशासन ने इस घटना के मद्देनजर सभी ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों को सतर्क रहने की अपील की है और ऐसे हादसों से बचाव के लिए उचित स्वास्थ्य प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया है।