Garhwa (Jharkhand) : पलामू प्रमंडल के गढ़वा जिले के रमकंडा थाना क्षेत्र में बुधवार की रात एक हृदयविदारक सड़क हादसे में दो युवा जिंदगियां असमय ही काल के गाल में समा गईं। रमकंडा-डालटनगंज मुख्य मार्ग पर धावा मुड़खुड़ गांव के पास दो तेज रफ्तार बाइकों की सीधी टक्कर ने यह भीषण त्रासदी ला दी। इस दुर्घटना में एक युवक ने तो घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में अंतिम सांस ली। दोनों मृतक अलग-अलग बाइकों पर सवार थे। इस हादसे में चार अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
एक बाइक पर चार, दूसरी पर दो सवार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक बाइक पर चार युवक सवार थे, जबकि दूसरी बाइक पर दो युवक यात्रा कर रहे थे। मृतकों की पहचान रमकंडा प्रखंड के चेटे गांव निवासी मुनी भुइयां के पुत्र सूरज भुइयां और पलामू जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के कालोनी मोड़ के पास रहने वाले देवधारी सिंह के पुत्र सत्यनारायण सिंह के रूप में हुई है। घायलों में रमकंडा के चेटे गांव के बुद्धि भुइयां, बिहारी भुइयां, दिलीप भुइयां और भंडरिया थाना क्षेत्र के जनेवा गांव के शुशील सिंह शामिल हैं।
शादी समारोह से लौट रहे थे, काल ने रास्ते में घेरा
बताया जाता है कि चेटे गांव के ये चार युवक एक ही बाइक पर सवार होकर रामगढ़ के सरहुआ गांव जा रहे थे। वहीं, रामगढ़ से बानालात गांव में एक रिश्तेदार के घर शादी समारोह में आए दो युवक, सत्यनारायण और उसका ममेरा भाई शुशील सिंह, रमकंडा की ओर लौट रहे थे। दुर्भाग्यवश, धावा मुड़खुड़ गांव के पास दोनों बाइकों की आमने-सामने की जोरदार टक्कर हो गई, जिसने सब कुछ तहस-नहस कर दिया।
स्थानीय लोगों और झामुमो नेता ने की मदद
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में जुट गए। झामुमो नेता ताहिर ने भी तत्परता दिखाते हुए घायलों को एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्राथमिक उपचार के लिए घायलों को रमकंडा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रंका के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायल सत्यनारायण सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद गढ़वा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। हालांकि, उनकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें रांची स्थित रिम्स भेजने का निर्णय लिया, लेकिन दुर्भाग्यवश अस्पताल ले जाने के क्रम में रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
हैदराबाद से लौटा था, खुशियां मातम में बदलीं
मृतक सत्यनारायण के परिजनों ने बताया कि वह रविवार को ही हैदराबाद से काम करके लौटा था। वह वहां टावर क्रेन चलाने का काम करता था। दो भाई और एक बहन में वह सबसे छोटा था। शादी समारोह में शामिल होने के बाद वह अपने ममेरे भाई सुशील के साथ घूमने निकला था, तभी यह दर्दनाक हादसा हो गया। सत्यनारायण की मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही गुरुवार को शव को घर ले जाकर दाह संस्कार की तैयारी शुरू कर दी है। इस दुखद घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।