वाराणसी : देव दीपावली, जिसे ‘देवताओं की दिवाली’ भी कहा जाता है, कार्तिक महीने की पूर्णिमा को दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस खास मौके पर वाराणसी के घाटों को रंग-बिरंगी रोशनी और लाखों दीयों से सजाया गया, जो पूरे शहर को अद्भुत आभा से भर देता है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत
देव दीपावली के अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया।
नमो घाट का लोकार्पण
इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उपराष्ट्रपति ने नमो घाट का भी लोकार्पण किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री से मजाकिया लहजे में पूछा कि क्या नमो घाट दुनिया का सबसे बड़ा घाट है। योगी आदित्यनाथ ने हंसते हुए जवाब दिया कि “दुनिया में और कहीं घाट है ही नहीं,” जिससे उपराष्ट्रपति भी मुस्कुरा उठे।
40 देशों के मेहमान बने देव दीपावली के साक्षी
इस वर्ष देव दीपावली के मौके पर दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर देश-विदेश से टूरिस्टों की भारी भीड़ उमड़ी। इंडोनेशिया, वियतनाम, फ्रांस समेत 40 देशों के मेहमान वाराणसी के घाटों पर इस भव्य आयोजन का आनंद ले रहे हैं। शाम को 7 बजे यहां महाआरती का आयोजन हुआ, जो मुख्य आकर्षण रहा।
काशी विश्वनाथ धाम की बदली तस्वीर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का हाल कुछ वर्षों पहले बिल्कुल अलग था। उस समय 50 श्रद्धालु भी आते तो उन्हें दर्शन में कठिनाई होती थी। अब काशी में एक साथ 50,000 श्रद्धालु भी आसानी से दर्शन कर सकते हैं। सावन के महीने में यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है, जो काशी के बदले स्वरूप का प्रतीक है।
25 लाख दीयों का लक्ष्य
इस बार देव दीपावली पर पूरे काशी में 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रशासन ने घाटों पर 17 लाख और पूरे शहर में कुल 25 लाख दीये जलाने की योजना बनाई है। 2023 में काशी में 18 लाख दीये जलाए गए थे, जिसमें 84 घाटों पर 15 लाख दीये सजाए गए थे।
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