घाटशिला : घाटशिला के जिला परिषद सदस्य कर्ण सिंह और भाजपा नेता हरप्रीत सिंह को पुलिस ने बुधवार देर रात मऊभंडार थाना में बुलाकर हिरासत में ले लिया था। यह कार्रवाई बिल्डर रौशन लाल गुप्ता की लिखित शिकायत पर की गई। पुलिस ने कर्ण सिंह व हरप्रीत सिंह पर रंगदारी, मारपीट, धमकी समेत विभिन्न धाराएं लगाकर गुरुवार को जेल भेज दिया।
बता दें कि बुधवार को ही घाटशिला के दाहीगोड़ा स्थित हनुमान मंदिर में निर्माणाधीन अपार्टमेंट के ड्रेनेज सिस्टम की जल निकासी को लेकर कर्ण सिंह ने निर्माण स्थल पहुंचकर स्थानीय लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली। कर्ण सिंह ने बिल्डर पर आरोप लगाया था कि वह रेलवे की जमीन पर गड्ढा खोद दिया था और मंदिर के बगल से नाली का पानी बहाने की योजना बना रहा है।
इस मामले में घाटशिला पुलिस ने गुरुवार को कर्ण सिंह व हरप्रीत सिंह को मेडिकल जांच के उपरांत न्यायालय में प्रस्तुत किया. न्यायिक प्रक्रिया के बाद दोनों को घाटशिला जेल भेज दिया गया। इस दौरान थाना परिसर में सुरक्षा को लेकर भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारी एवं जवान तैनात थे। बुधवार रात से ही दोनों के समर्थक थाना में डटे रहे। गिरफ्तारी के विरोध में जिला परिषद की अध्यक्ष बारी मुर्मू व डॉ. कविता परमार के साथ पुलिस की कहा-सुनी भी हुई। इसके पश्चात घाटशिला व जमशेदपुर से आए लोगों ने घाटशिला पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कर्ण सिंह की गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
कर्ण सिंह की गिरफ्तारी पर भड़के सरयू राय
कर्ण सिंह उर्फ टिंकू सिंह की गिरफ्तारी को लेकर जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय, बागबेड़ा की जिप सदस्य डॉ कविता परमार बुधवार की देर रात करीब 12.30 बजे घाटशिला थाना पहुंचे। उन्होंने एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, मुसाबनी डीएसपी संदीप भगत, थाना प्रभारी मधुसूदन दे, पुलिस निरीक्षक बैजनाथ कुमार, ओपी प्रभारी पंकज कुमार से मामले की जानकारी ली। इसके बाद सरयू राय ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस की एकतरफा कार्रवाई अत्यंत निंदनीय है। बिल्डर के गलत काम का विरोध करने पर जिला पार्षद को गिरफ्तार करना गलत है। निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अपराधी की तरह बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के गिरफ्तार करना सरासर गलत है। नोटिस दिए बिना यह कार्रवाई की गई, जबकि मामला ऐसा नहीं था कि आरोपी फरार हो सकता था या साक्ष्य मिटा सकता था।
ऐसा लगता कि पुलिस ने किसी खुन्नस में यह कदम उठाया है। कहीं न कहीं प्रभावशाली लोगों का दबाव रहा होगा या फिर ऊपर से निर्देश मिले होंगे। सरयू राय ने पुलिस के पक्षपातपूर्ण रवैये की जानकारी एसएसपी पीयूष पांडेय, ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग व मंत्री रामदास सोरेन को भी दी है।
जनप्रतिनिधियों में आक्रोश
पूर्वी सिंहभूम के जिला परिषद की अध्यक्ष बारी मुर्मू, उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, डॉ. कविता परमार, कुसुम पूर्ति, देवयानी मुर्मू, सुभाष सिंह, सूरज मंडल समेत कई जिला परिषद सदस्यों एवं जमशेदपुर के भाजपाइयों, स्थानीय लोगों में भी आक्रोश देखा जा रहा है। पुलिस की कार्रवाई से नाराज़ जनप्रतिनिधियों, स्थानीय लोगों ने घाटशिला थाना परिसर में जमकर नारेबाजी की और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
जनप्रतिनिधि का अपमान : कविता परमार
बागबेड़ा की जिला पार्षद डॉ कविता परमार ने कहा कि कर्ण सिंह की गिरफ्तारी जनप्रतिनिधियों का अपमान और लोकतंत्र की आवाज दबाने की साजिश है। एक बिल्डर की शिकायत पर थाना प्रभारी ने जिस तरह से त्वरित और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की, वह हैरान करने वाला है। उन्होंने कहा कि कंप्लेंट वापस लेने आए तो थाना प्रभारी शिकायतकर्ता को भेज दिया, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और जनप्रतिनिधियों को डराने का प्रयास निंदनीय है। हम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग करते हैं कि थाना प्रभारी पर कार्रवाई हो और कर्ण सिंह को न्याय मिले। अगर हमारी आवाज नहीं सुनी गई, तो आंदोलन होगा और यह लड़ाई रुकेगी नहीं।
जनता की आवाज उठाना अपराध नहीं : कुसुम पूर्ति
जिप सदस्य कुसुम पूर्ति ने कहा कि जनता की आवाज उठाना हमारा कर्तव्य है, न कि कोई अपराध। थाना प्रभारी का व्यवहार जनप्रतिनिधियों के साथ अपमानजनक रहा है। महिला प्रतिनिधियों के साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की निंदनीय है। मुख्यमंत्री से मांग है कि इसकी निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
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