आदित्यपुर| एनआईटी, जमशेदपुर के डीजेएलएचसी में चल रहे इंडस्ट्री एकेडमिया कॉन्क्लेव-2023 के दूसरे दिन मॉडल प्रस्तुतिकरण और प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। वहीं, विभिन्न स्कूलों और इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ-साथ गैर इंजीनियरिंग कॉलेज के लगभग 250 प्रतिभागियों ने हॉ़र्डवेयर और सॉफ्टवेयर मॉडल एप्लिकेशन के माध्यम से अपनी प्रतिभा, रचनात्मकता, नवीन विचारों और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया है।
इंडस्ट्री एकेडमिया कॉन्क्लेव में दिखी भविष्य के तकनीक की झलक
प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के द्वारा बेहद आकर्षक वैज्ञानिक सुझाव वाले की प्रदर्शनी लगाई गई। थीम आधारित मॉडलों ने टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन, टिकाऊ विनिर्माण प्रौद्योगिकियों, स्वचालन, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), मानव रहित हवाई वाहन, ब्लॉक श्रृंखला प्रौद्योगिकियों, कॉर्बन तटस्थता, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, हरित उर्जा और हरित और टिकाऊ घरों को बढ़ावा देने में अपनी प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनी में थ्रीडी प्रिंटर, आईओटी डिवाईसेस, सेंसेर बेस्ट डिवाईसेस, विभिन्न प्रकार के ड्रोन, रोबोटिक डस्टबीन, मैनुअल टॉयलेट, चन्द्रयान और नवीकरणीय उर्जा के मॉडल शामिल थे। आंतरिक संकाय सदस्यों और बाहरी विशेषज्ञों वाले कुल तीन पैनलों ने इन मॉडलों/अनुप्रयोगों का मूल्यांकन किया है। एनआईटी, जमशेदपुर के निदेशक डॉ0 गौतम सूत्रधर ने प्रतिभागियों को अपने भविष्य के लक्ष्यों को इस तरह संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान धातुकर्म और पदार्थ अभियांत्रिकी विभाग में एक प्राचीन लोहा बनाने वाली फर्नेस का उदघाटन भी हुआ। झाखंड के गुमला जिला के विशुनपुर प्रखंड से आये जनजातीय कारीगरों के द्वारा लोहा बनाने की प्राचीन प्रक्रिया का प्रदर्शन किया।
ऐसे उत्पाद बनने चाहिए जिससे पर्यावरण काे कम नुकसान हाे:
इंडस्ट्री अकेडमिया कॉन्क्लेव-2023 के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में पर्यावरण स्थिरता और जलवायु परिवर्तन पर गहन चर्चा की गई। सतत पोषणीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर विशेषज्ञ परिचर्चा में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के ईएसी उद्योग के अध्यक्ष कुमार राजीव, कॉयर एटलस के प्रोपराईटर हिमांशु सेठ, स्वच्छता पुकारे फाऊंडेशन क्यूरेटर टेडेक्स के निदेशक और संस्थापक गौरव आनन्द तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय क ईएसी उद्योग के सदस्य डॉ0 एस रंगनाथन ने जलवायु परिवर्तन को वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए कॉर्बन उत्सर्जन कम करने हेतु उद्योग और शिक्षा जगत के मिले-जुले प्रयास की वकालत की। उन्होंने ऐसे उत्पादों के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया, पर्यावरण को कम हानि पहुँचायें। विशेषज्ञों ने स्टील प्लाँट में होने वाले कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने हेतु ऐसे स्टील प्लाँटों के निर्माण और प्रयोग की बात कहीत जो कि 30 एक्यूआई पर काम करें। वहीं, अन्य विशेषज्ञों ने तीन मॉडल अर्थात पीपल, प्रॉफिट और प्लॉनेट की बात कही।
स्टार्टअप की चुनाैतियाें से रूबरू हुए छात्र:
अकेडमिया कॉन्क्लेव-2023 के दूसरे दिन एनआईटी, जमशेदपुर के ईसेल ने छात्रों को उद्यमिता और स्टॉर्टअप के लिए प्रेरित करने के लिए विशेष कार्यक्रम बिजनेस टाईकून-2023 आहूत किया गया। टाईकून-2023 को फ्रैक्शनली के सह संस्थापक दीप कक्कड़, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और वैमानिकी रॉकेटरी के संस्थापक और निदेशक सनी काबरावाला, डीबीएमसीआई ई गुरुकुल के सीईओ डॉ0 नचिकेत भाटिया ने छात्रों के साथ बातचीत की तथा उन्हें संबोधित भी किया। वक्ताओं ने स्टॉर्टअप शुरु करते हुए सामने आने वाली चुनौतियों और उन चुनौतियों को पार करने के तरीके पर चर्चा की और विद्यार्थियों को सफलता का कुछ मंत्र भी सिखाया।
इंडस्ट्री अकेडमिया कॉन्क्लेव-2023 के दूसरे दिन व्यवसाय विकास और प्रकाशन प्रभाग के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ0 देवाशीष बंधोपाध्याय और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के डॉ एस रंगनाथन के नेतृत्व में सर्कुलर इकोनॉमी के अनिवॉर्य महत्व पर विचारोत्मक चर्चा की गई। डॉ बंधोपाध्याय ने परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धान्तों को अपनाने की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया तथा सर्कुलर प्रथाओं को एकीकृत करने, बेंचमॉर्किंग, सर्वेक्षण, तकनीकी प्रगति और शिक्षा, अनुसंधान तथा विकास क्षेत्रों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों पर जोर देने के लिए आवश्यक कार्रवाई योग्य कदमों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। वहीं, डॉ0 एस0 रंगनाथन ने संसाधन की कमी दर पर अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए सड़क निर्माण के लिए फ्लाई ऐश का उपयोग और कचड़े से बायोगैस उत्पादन जैसे अभिनव समाधान प्रस्तावित किया।
चरित्र निर्माण के लिए एनअाईटी के छात्राें ने सुना प्रवचन:
इंडस्ट्री अकेडमिया कॉन्क्लेव-2023 के दूसरे दिन चरित्र निर्माण और व्यक्तित्व विकास पर इस्कॉन, कोलकात्ता से आये प्रभु प्रेम स्वरुप दास ने भजन कीर्तन के साथ प्रवचन प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों और शिक्षकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं, मुम्बई से आई सॉफ्ट स्किल ट्रेनर अर्चना कुमारी ने प्रोफेशन्लस के बीच तनाव मुक्त रहते हुए छोटे-छोटे प्रैक्टिस के आधारपर प्रॉडक्टिविटी को बढ़ावा देने के संबंध में अपनी बातें रखी।
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