गोंडा : उत्तर प्रदेश के गोंडा में रविवार की सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो नहर में गिर गयी। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक ही परिवार के 9 लोग बताए जा रहे हैं। यह हादसा पृथ्वीनाथ मंदिर जाते समय हुआ। इस घटना के बाद प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने घटना का संज्ञान लेते हुए राहत कार्यों के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने बताया कि अभी तक 11 शव बरामद किए गए और 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
Gonda Road Accident : CM योगी ने दिए राहत कार्य में तेजी के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना का संज्ञान लिया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
सवार थे कुल 15 लोग, बारिश में फिसल गया वाहन
यह दुर्घटना पारासराय अलावल देवरिया मार्ग पर रेहरा गांव स्थित सरयू नहर पुल के पास घटी। पुलिस ने बताया कि बोलेरो में कुल 15 लोग सवार थे। हादसे के समय हल्की बारिश हो रही थी, जिससे नहर के किनारे की सड़क फिसलन भरी और संकरी हो गई थी। बोलेरो चालक साइड से निकलने की कोशिश कर रहा था, तभी वाहन फिसलकर नहर में गिर गया। वाहन पानी में पूरी तरह डूब गया, जिससे अंदर फंसे लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिल सका।
Gonda Road Accident : मृतकों में नौ लोग एक ही परिवार के
पुलिस ने बताया कि मृतकों में एक ही परिवार के 9 लोग थे। इटियाथोक के थानाध्यक्ष केजी राव ने बताया कि अब तक नहर से 11 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। एक व्यक्ति की तलाश अभी भी जारी है।
DM और SP मौके पर पहुंचे
इस घटना की जानकारी मिलते ही डीएम प्रियंका निरंजन और पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक टीम के साथ एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की मदद से बचाव अभियान चलाया गया। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। यह हादसा पूरे क्षेत्र के लिए एक भयावह मंजर बन गया है।
पुलिस के साथ बचाव कार्य में जुटे रहे ग्रामीण
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे जोरदार आवाज सुनकर लोग मौके पर पहुंचे और तुरंत बचाव कार्य में जुट गए। उन लोगों ने बताया कि जिस समय घटना घटी, उस समय हल्की बारिश हो रही थी। नहर के किनारे की सड़क फिसलन भरी थी और बेहद संकरी भी हो गयी थी। ग्रामीणों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और खुद भी बचाव कार्य में जुट गए। कुछ देर के बाद में प्रशासन और एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने मोर्चा संभाला।