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Gorakhpur: फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए नए लाइसेंस पर लगी रोक, जाम से निपटने के लिए प्रशासन का कदम

मंडी परिषद ने इस स्थिति के लिए अपनी गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। महेवा मंडी में कुल 439 दुकानें हैं, जिनमें से 175 गल्ला और 96 मछली की दुकानें हैं, जिनके लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं।

by Anurag Ranjan
Gorakhpur: फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए नए लाइसेंस पर लगी रोक, जाम से निपटने के लिए प्रशासन का कदम
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गोरखपुर : महेवा मंडी में अब फल और सब्जी बेचने के लिए नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे। मंडी परिषद ने यह फैसला लिया है क्योंकि मंडी में फल और सब्जी विक्रेताओं की संख्या निर्धारित सीमा से कहीं अधिक हो गई है, जिससे जाम और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है। नए लाइसेंस पर यह रोक इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

महेवा मंडी में सब्जी, फल और अन्य सामान खरीदने के लिए आने वाले लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मंडी के अंदर सड़क पर आड़ी-तिरछी खड़ी ट्रकों और लोडरों के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा, फल और सब्जी विक्रेताओं द्वारा दुकानें अपनी निर्धारित जगह से बाहर तक लगाई जाती हैं, जिससे रास्तों पर अतिक्रमण बढ़ जाता है और पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इस सबके बावजूद, मंडी के अंदर तैनात पुलिसकर्मी और गार्डों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है, जिससे यह समस्या और बढ़ जाती है।

मंडी परिषद ने इस स्थिति के लिए अपनी गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। महेवा मंडी में कुल 439 दुकानें हैं, जिनमें से 175 गल्ला और 96 मछली की दुकानें हैं, जिनके लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं। गल्ला और मछली के लिए लाइसेंस की संख्या निर्धारित सीमा में ही जारी की गई है, लेकिन फल और सब्जी के लिए यह संख्या 168 के मुकाबले 639 तक पहुंच गई है। यानी फल और सब्जी विक्रेताओं के लिए निर्धारित लाइसेंस की संख्या से चार गुना अधिक लाइसेंस जारी किए गए हैं। यही कारण है कि जिन दुकानदारों को शेड या दुकान आवंटित नहीं हुई हैं, वे सड़क किनारे अपनी दुकानें लगा देते हैं, जिससे जाम और अव्यवस्था और भी बढ़ जाती है।’

अब प्रशासन ने फल और सब्जी विक्रेताओं के लिए नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, मंडी को शहर के बाहर शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि जाम और अव्यवस्था की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके। इसके लिए गीडा, ताल नदौर और वाराणसी हाइवे के किनारे जमीन देखी गई है। इस पर अंतिम निर्णय लेने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इसके अतिरिक्त, महेवा मंडी के गल्ला व्यापारी संजय सिंघानिया ने बताया कि गल्ला मंडी के व्यापारी और सब्जी विक्रेता के बीच एक करार हुआ है, जिसके अनुसार गल्ला मंडी की सड़कों पर रात दो बजे से सुबह 10 बजे तक सब्जी विक्रेताओं को अपनी दुकान लगाने की इजाजत होती है। इस दौरान, सब्जी विक्रेता अपने सामान को सड़क पर रखते हैं और सुबह 10 बजे तक उन्हें हट जाना होता है, ताकि गल्ला व्यापारी अपनी दुकानें खोल सकें।

हालांकि, सब्जी और फल विक्रेता संघ के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने इस स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि मंडी में दुकानदारों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब एक नई मंडी खोलने की आवश्यकता है। इसके लिए काफी समय से यह मांग की जा रही है, ताकि विक्रेताओं और खरीदारों दोनों के लिए बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

इस समय गोरखपुर की महेवा मंडी में समस्याएं विकराल रूप ले चुकी हैं, और प्रशासन का यह कदम स्थिति को नियंत्रित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। मंडी में अतिरिक्त लाइसेंस जारी करने पर रोक और मंडी को शहर से बाहर शिफ्ट करने की योजना, दोनों ही कदमों से मंडी की व्यवस्थाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

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