गोरखपुर : वाराणसी सिटी से गोरखपुर की ओर आ रही गोरखपुर एक्सप्रेस में यात्रियों को तीन साल पुराने गंदे तकिए बांटे गए, जिससे रेलवे प्रशासन में हलचल मच गई। यह घटना तब सामने आई जब यात्रियों ने वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कोचों में रखे गए तकिए को देखा और शिकायत की। इसके बाद रेलवे प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कोच अटेंडेंट की सेवा समाप्त कर दी और बेडरोल सप्लाई करने वाली फर्म पर जुर्माना भी लगाया है।
चादर और कवर साफ, लेकिन तकिया गंदा
गोरखपुर एक्सप्रेस के यात्रियों को जब बेडरोल के पैकेट में चादर और कवर तो साफ मिले, लेकिन तकिए गंदे और पुराने थे, तो उनकी परेशानी बढ़ गई। खासकर कोच नंबर बी-वन की बर्थों पर रखे गए तकिए देख यात्री काफी नाराज हुए। चादर और कवर को देखकर सफर के आरामदायक होने की उम्मीद थी, लेकिन गंदे तकिए ने इस अनुभव को खराब कर दिया। इसके बाद यात्री ने कोच अटेंडेंट से शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे। जब आखिरकार अटेंडेंट को देखा गया, तो यात्रियों ने उन्हें शिकायत करने के लिए कहा, लेकिन शिकायत पुस्तिका तक नहीं उपलब्ध कराई गई।
अप्रैल 2022 के बने थे तकिए
यात्री गंदे तकिए को लेकर परेशान थे क्योंकि इन तकियों का निर्माण अप्रैल 2022 में हुआ था, यानी कोविड काल के बाद से ये तकिये बदले ही नहीं गए थे। इस दौरान, एसी कोचों में यात्रियों को दिए जाने वाले तकिए को नियमानुसार एक साल के भीतर बदलना जरूरी था, लेकिन इन तकियों को कोई ध्यान नहीं दिया गया। इससे यात्री गंदे तकिए पर सफर करने को मजबूर हो गए, जो यात्रा के दौरान असुविधा का कारण बना।
6 दिन का अभियान चलाएगा रेलवे
इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि गंदे तकिए को बदल दिया गया है। इसके अलावा, कोच अटेंडेंट की सेवा समाप्त कर दी गई है और उस फर्म पर जुर्माना भी लगाया गया, जो बेडरोल सप्लाई करती है। इसके साथ ही, सुपरवाइजर की काउंसिलिंग भी की गई और चेतावनी दी गई। इसके अलावा, रेलवे ने छह दिन का एक अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत गंदे और पुराने लिनेन और तकियों को हटाया जाएगा और नए तकिए दिए जाएंगे।