गोरखपुर : 30 जून और 1 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु गोरखपुर (President Murmu In Gorakhpur) दौरे पर रहेंगी। वह एम्स के दीक्षांत में शामिल होने के साथ-साथ महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय (एमजीयूजी) में कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगी। इस अवसर पर वह विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन, 1500 सीटों वाले अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, 11 कॉटेज वाले पंचकर्म केंद्र का उद्घाटन करेंगी। साथ ही 1000 छात्राओं की क्षमता वाले गर्ल्स हॉस्टल की आधारशिला भी रखेंगी।
तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था लोकार्पण
28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा लोकार्पित इस विश्वविद्यालय ने मात्र चार वर्षों में शिक्षा, चिकित्सा और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। एमजीयूजी आज आयुर्वेद, मॉडर्न मेडिसिन, नर्सिंग, फार्मेसी और कृषि जैसे क्षेत्रों में डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री तक दो दर्जन से अधिक कोर्स संचालित कर रहा है।
रोजगारपरक हैं विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम
कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह के अनुसार, विश्वविद्यालय के सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और छात्रों में इनकी भारी मांग है। यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप ऐसे कोर्स संचालित हैं जो समाज के लिए उपयोगी और विद्यार्थियों के लिए करियर गढ़ने में सहायक हैं।
एमजीयूजी का फोकस भारतीय ज्ञान परंपरा, अनुसंधान और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने पर है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने एम्स गोरखपुर, केजीएमयू लखनऊ, इंडो-यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज, लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपाल सहित दर्जनों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ एमओयू किए हैं।
ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ विचारों पर आधारित है नींव
कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि इस विश्वविद्यालय की नींव ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के विचारों पर आधारित है, जिन्होंने शिक्षा को स्वावलंबन व सामाजिक उत्थान का माध्यम माना। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो गोरक्षपीठाधीश्वर और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, उन्हीं आदर्शों को आगे बढ़ा रहे हैं।
2032 तक गोरखपुर को ‘नॉलेज सिटी’ के रूप में विकसित करने का है लक्ष्य
सीएम योगी का लक्ष्य है कि 2032 तक गोरखपुर को ‘नॉलेज सिटी’ के रूप में विकसित किया जाए और इसमें एमजीयूजी अहम भूमिका निभा रहा है।