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काशी में आज Dev Deepawali का भव्‍य आयोजन : 21 लाख दीयों से रोशन होगा गंगा तट

by Rakesh Pandey
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वाराणसी : काशी में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व ‘देव दीपावली’ हर साल धूमधाम से मनाया जाता है और इस बार यह महापर्व और भी भव्य रूप में आयोजित होगा। इस अवसर पर कुल 21 लाख दीयों से काशी के घाट और गलियां रोशन होंगी। देव दीपावली को लेकर तैयारियां इस साल विशेष रूप से जोशीली और भव्य हैं। खास बात यह है कि इस बार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य गण्यमान्य काशी में उपस्थित रहेंगे और नमो घाट का उद्घाटन करेंगे।

देव दीपावली के दिन काशी के गंगा घाटों पर जलाए जाने वाले दीपकों की झलक देखने के लिए न केवल देश, बल्कि विदेशों से भी पर्यटकों का तांता लग चुका है। पिछले चार दशकों में यह पर्व काशी के सांस्कृतिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2020 में यहां पहुंचने के बाद यह महापर्व और भी बड़ा हो गया है।

11 लाख मिट्टी और 10 लाख गोबर के दीये

मंडल आयुक्त कौशलराज शर्मा के अनुसार इस साल देव दीपावली के दिन काशी में करीब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे। इन दीपों में 11 लाख मिट्टी के दीये होंगे, जबकि बाकी गोबर से बने दीपक होंगे। इन दीपों की व्यवस्था शहर के विभिन्न घाटों, तालाबों, कुंडों और गंगा नदी के किनारे की जाएगी। खासकर वरुणा और अस्सी नदियों के किनारे लगभग 4-5 लाख दीप जलाए जाएंगे, जो इस अवसर को और भी आकर्षक बनाएंगे।

इसके अलावा पूरे काशी शहर में बिजली के झालरों और रंगबिरंगी लाइट्स की भी व्यवस्था की गई है, जो पूरे शहर को दिव्य और भव्य रूप में प्रस्तुत करेंगे। प्रशासन की ओर से ‘स्वच्छ घाट-स्वच्छ काशी’ की थीम रखी गई है, और इस दिशा में कई पहल की गई हैं, जिससे काशी की सुंदरता और भी निखर कर सामने आएगी।

नमो घाट का उद्घाटन : एक ऐतिहासिक क्षण

इस साल के देव दीपावली समारोह में विशेष आकर्षण का केंद्र नमो घाट रहेगा, जिसका उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाथों होगा। इस घाट के निर्माण में पेट्रोलियम मंत्रालय ने आर्थिक सहयोग दिया है और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नमामि गंगे’ अभियान का हिस्सा भी माना जा सकता है। इस घाट का उद्घाटन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में होगा, जो इस ऐतिहासिक क्षण को और भी महत्व देंगे।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और आतिशबाजी

देव दीपावली के दिन काशी के विभिन्न घाटों पर दीपों के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा। चेतसिंह घाट पर 18-19 मिनट का प्रोजेक्शन शो होगा, जिसमें काशी की पौराणिकता, गंगा के उद्गम और देव दीपावली के महत्व को दर्शाया जाएगा। इसके अलावा लेजर शो और कोल्ड ग्रीन पायरो के जरिए काशी की दिव्यता को और भी प्रदर्शित किया जाएगा। विश्वनाथ धाम के सामने आतिशबाजी भी होगी, जो इस दिन की महिमा को और भी बढ़ाएगी।

धार्मिक और सांस्कृतिक समागम

देव दीपावली की थीम इस बार ‘जाति पंथ अनेक, हम सनातनी एक’ रखी गई है, जो एकता और सामूहिकता का संदेश देती है। इस दिन सभी धर्मों के धर्माचार्य और संत महात्मा अपने-अपने तरीके से दीपों का अर्पण करेंगे। काशी के सभी प्रमुख घाटों, गंगा और गोमती नदी के किनारे और अन्य धार्मिक स्थलों पर दीप जलाए जाएंगे, जिनमें प्रमुख रूप से इंदौर की महारानी अहिल्याबाई घाट और मणिकर्णिका घाट शामिल हैं।

इस दिन का आयोजन न केवल काशी के धार्मिक महत्व को पुनः स्थापित करता है, बल्कि नारी सशक्तीकरण, स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता के संदेश भी देता है। देव दीपावली के साथ-साथ काशी में रंगोलियां बनाई जाएंगी और नशा उन्मूलन का भी संदेश दिया जाएगा।

पर्यटकों का उमड़ता हुजूम

देव दीपावली की भव्यता को देखने के लिए हर साल लाखों सैलानी काशी आते हैं। विदेशी पर्यटक भी इस दिव्य दृश्य को निहारने के लिए यहां पहुंचते हैं। पेरिस से अपने पति के साथ काशी आई इमैनुएला ने बताया कि यह मेरे जीवन का एक अद्भुत अनुभव है। मेरे पति मुझे जन्मदिन के तोहफे के रूप में काशी घुमाने लाए हैं और मुझे इस अद्वितीय पर्व में शामिल होकर बहुत अच्छा लग रहा है।

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