सेंट्रल डेस्क/Hathras Stamped: यूपी के हाथरस हादसे में एसआईटी ने 855 पेज की अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के मिलते ही सोमवार को योगी सरकार ने एसडीएम, सीओ समेत छह को अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इस कांड में सूरजपाल उर्फ साकार विश्व हरि का जिक्र नहीं किया गया।
उसे क्लीन चिट दी गयी है। यह रिपोर्ट एडीजी आगरा-कमिश्रर अलीगढ़ की संयुक्त एसआईटी जांच के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट में दक्षिणी राज्यों के कुछ नंबर, कुछ अधिकारी- कर्मचारी, सेवादार और आयोजक को इसमें जिम्मेदार ठहराया गया है।
Hathras Stamped: तथ्यों को छिपाकर आयोजन की ली थी अनुमति
जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है उनमें उप एसडीएम सिकंदराराऊ, सीओ सिकंदराराऊ, थानाध्यक्ष सिकंदराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी इंचार्ज कचौरा एवं चौकी इंचार्ज पोरा शामिल हैं। यूपी के सीएम ने दो जून को हाथरस कांड में जांच करने के आदेश दिए थे। इसके लिए एसआईटी का गठन किया गया। जांच रिपोर्ट के अनुसार तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली गयी थी। इसमें लागू नियमों का पालन नहीं किया गया। अप्रत्याशित भीड़ के लिए समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। जो भीड़ नियंत्रित कर सके।
Hathras Stamped: 132 लोगों के बयान दर्ज किए गए
जांच टीम में 132 लोगों का बयान दर्ज किया। घटना के समय और घटना के बाद सर्विलांस के जरिये बीटीएस टावर की लोकेशन ली गयी। चार ऐसे नंबर सामने आये, जिससे घटना से पहले और घटना के बाद कॉल हुई थी। इसे घटना से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ थाना औऱ तहसील स्तर के अधिकारियों को रिपोर्ट में दोषी पाए गए हैं। जांच टीम में लगाये गये अधिकारियों को भी निगरानी में रखा गया था, जिससे कोई जांच रिपोर्ट में छेड़छाड़ ना कर सके। एसआईटी की टीम ने शुरू के दो दिन जांच नहीं की थी।
Hathras Stamped: क्राइम सीन को दोहराया गया था
सबसे पहले एसआईटी ने क्राइम सीन दोहराया। इसके बाद जांच में घटना से पहले और बाद में गये कॉल के डिटेल निकाले गये। शनिवार को ही एसआईटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली थी। लेकिन रविवार को जांच रिपोर्ट को दिन भर टाइप कराया गया। 855 पेज रिपोर्ट में कई संशोधन भी कराये गये। इसके बाद स्पाइरल बाइंडिंग कराकर रिपोर्ट को भेजा गया।
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