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Health Tips : बरसात में भूलकर भी नहीं खाएं ये टेस्टी व्यजंन, हो सकता है खतरनाक इंफेक्शन

by Rakesh Pandey
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हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली :  बरसात के मौसम में खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत होती है। आज, हम आपको एक ऐसे व्यंजन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे सुनते ही आपके मुंह में पानी भर आता है। जी हां। इसके स्वाद का हर कोई दीवाना है। महिलाओं के बारे में तो कहा जाता है कि जब तक वे इस व्यंजन को खाती नहीं तब तक उनका खाना पूरा नहीं होता। लेकिन, आपको बता दें कि यह जितना टेस्टी होता है बरसात में उतना ही खतरनाक भी हो जाता है। ऐसे में आपको सावधान व जागरूक होने की जरूरत है।

हो जाएं सावधान…फैल सकती है ये बीमारियां

बरसात के दिनों में एक साथ कई तरह की बीमारियां फैली हुई है। इसमें एक टाइफाइड भी मुख्य रूप से शामिल हैं। मानसून के दौरान ये बीमारी तेजी से पांव पसारती है। वैसे तो देश के विभिन्न राज्यों में इससे संबंधित मरीज आपको मिल जाएंगे लेकिन अभी सबसे ज्यादा तेलंगाना में फैला हुआ है। झारखंड के जाने-माने फिजिशियन डा. आरएल अग्रवाल कहते हैं कि वैसे तो इस बीमारी का फैलने के कई कारण है लेकिन दूषित खान-पान प्रमुख है। बरसात के दिनों में स्ट्रीट फूड पर मिलने वाली खाद्य-पदार्थों से विशेष रूप से बचनी चाहिए। खासकर गोलगप्पा (पानी पूरी) जैसे व्यंजन से।

बरसात में एक्टिव हो जाता टाइफाइड का बैक्टीरिया

डा. आरएल अग्रवाल कहते हैं कि मानसून के दौरान हवा में उमस होती है। इससे साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया पनपने की संभावना काफी बढ़ जाती है और इससे टाइफाइड होने का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, गोलगप्पा बिक्री करने वाले व्यक्ति को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। सबसे पहले तो उसे जहां-तहां ठेला नहीं लगाना चाहिए। अभी देखा जाता है कि नीचे नाली और उसके ऊपर खाने वाला खाद्य-पदार्थ बिक रहा है, जिससे बैक्टीरिया फैलने का खतरा कई गुना अधिक बढ़ जाता है। टाइफाइड बुखार एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो दूषित पानी या भोजन के कारण होता है।

हर साल 16 लाख लोग फूड पॉयजनिंग के शिकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दूषित खान-पान की वजह से हर साल पूरी दुनिया में लगभग 16 लाख लोग फूड पॉयजनिंग के शिकार होते हैं। वहीं, हर दिन औसतन 340 बच्चों की जान चली जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत सहित अन्य देशों में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए खाद्य सुरक्षा दिवस भी मनाया जाता है। ताकि लोगों में जागरूकता बढ़े और इस तरह की बीमारी पर अंकुश लग सकें। हालांकि, इसे लेकर सरकार भी विशेष रूप से काम कर रही है।

टाइफाइड क्या है?

टाइफाइड साल्मोनेला नामक बैक्टीरिया से होता है। इस दौरान आपको बेहतर चिकित्सा के साथ-साथ खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत होती है। कई चीजों से परहेज करना होता है। अन्यथा यह बीमारी जानलेवा भी हो जाती है। दरअसल, टाइफाइड की संभावना तब और भी अधिक बढ़ जाती है जब आप किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खान-पदार्थ खाएं हो। इसमें मरीज को तेज बुखार होता है।

टाइफाइड के लक्षण

शरीर व सिर में तेज दर्द, तेज बुखार होना, भूख कम लगना, रात में ठंड लगना, बार-बार दस्त होना, सुस्ती, कमजोरी और उल्टी होना।

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30 दिनों तक रह सकता है टाइफाइड का बुखार

टाइफाइड काफी गंभीर बीमारी माना जाता है। इस दौरान मरीजों को बेहतर चिकित्सा की जरूरत होती है। इस दौरान मरीज को 30 दिनों तक बुखार रह सकता है। डा. आरएल अग्रवाल कहते हैं कि निर्भर करता है कि आपके शरीर में बैक्टीरिया पहुंचा कैसे। यह आमतौर पर छह से 14 दिनों तक रहता है। वहीं, अधिकतम 30 दिन तक भी रहता है।

टाइफाइड का इलाज क्या है?

टाइफाइड के दौरान चिकित्सा के साथ-साथ मरीज को तरल पदार्थ का सेवन ज्यादा करना चाहिए। जैसे पानी के अलावा नारियल पानी, फलों का जूस, सूप सहित अन्य शामिल करें। शरीर में पानी की कमी नहीं होना चाहिए। शरीर में पर्याप्त पानी न होने से आपकी स्थिति और बिगड़ सकती हैं।

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