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जमशेदपुर में खुलेगा झारखंड का दूसरा आयुष अस्पताल, जानिए क्या-क्या होगी सुविधाएं

by The Photon News Desk
Danwantari Ayush Hospital
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हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर। Jamshedpur Ayush Hospital : झारखंड का दूसरा धनवंतरी आयुष अस्पताल जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर स्थित मिलन समिति मैदान में बनेगा। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसका शिलान्यास शुक्रवार को किया। राज्य का पहला धनवंतरी आयुष अस्पताल रांची में बन रहा है।

हालांकि, यह बनकर लगभग तैयार हो चुका है। जल्द ही यहां पर इलाज मिलने लगेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जमशेदपुर में जल्द ही 100 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट व शहरी स्वास्थ्य केंद्र का भी शिलान्यास किया जाएगा।

Jamshedpur Ayush Hospital

Danwantari Ayush Hospital- मानसिक व शारीरिक रूप से लोग होंगे मजबूत

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि धनवंतरी आयुष अस्पताल खुलने से लोग मानसिक व शारीरिक दोनों रूप से मजबूत होंगे। चूंकि, यहां पर पंचकर्म से लेकर योग व ध्यान भी कराया जाएगा। पंचकर्म विधि से शरीर के गंदगी को बाहर निकालकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जाता हैं। वहीं, योग व ध्यान के माध्यम से लोग मानसिक रूप से मजबूत होंगे।

Jamshedpur Ayush Hospital -17.62 करोड़ की लागत से बन रहा अस्पताल

धनवंतरी आयुष अस्पताल 17.62 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। जी प्लस-3 यह अस्पताल 16 माह में बनकर तैयार हो जाएगा। 40 हजार स्क्वायर फीट में बन रहे इस अस्पताल में 50 बेड होगा, जहां पर इनडोर (भर्ती) और आउटडोर (ओपीडी) की सुविधा होगी। जिला आयुष पदाधिकारी डा. मुकुल दीक्षित ने बताया कि यहां पर आयुर्वेद चिकित्सा के साथ-साथ होम्योपैथ, यूनानी, पंचकर्म व योग की भी सुविधा होगी।

Jamshedpur Ayush Hospital

Danwantari Ayush Hospital- सर्किट हाउस क्षेत्र में बन रहा पंचकर्म सेंटर

आयुष पदाधिकारी डा. मुकुल दीक्षित ने बताया कि सोनारी स्थित सर्किट हाउस एरिया में दो मंजिला पंचकर्म सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है, जो अप्रैल तक बनकर तैयार हो जाएगा। यह कोल्हान का पहला सेंटर होगा जहां पर अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से पंचकर्म की सुविधा मौजूद होगी। उम्मीद है कि अप्रैल माह से इसका लाभ शहरवासियों को मिलने लगेगा।

पंचकर्म क्या है?

पंचकर्म वह विधि है जिसके माध्यम से शरीर के अंदर स्थित टाक्सिन (गंदगी) को बाहर निकाला जाता है और शरीर को शुद्ध किया जाता है। इसी से रोग निवारण भी हो जाता है। पंचकर्म, आयुर्वेद शास्त्र में वर्णित एक विशेष चिकित्सा पद्धति है, जो दोषों को शरीर से बाहर निकाल कर रोगों को जड़ से समाप्त करती है।

यह शरीर शोधन की प्रक्रिया है, जो स्वस्थ मनुष्य के लिए भी फायदेमंद है। पंचकर्म के लिए मरीज को अस्पताल में बीमारी के अनुसार डेढ़ से तीन महीने तक भर्ती रहना पड़ सकता है। पंचकर्म से गठिया, लकवा, उदर संबंधी विकार, मस्तिष्क विकार जैसे साइनस, माइग्रेन सहित 140 तरह के बीमारियों का इलाज होता है। केरल में पंचकर्म काफी प्रसिद्ध है।

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