महाराष्ट्र : महाराष्ट्र की राजनीति में एक दिलचस्प मोड़ तब आया, जब एनसीपी के विधायक और विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल ने हाई वोल्टेज ड्रामा किया। यहीं नहीं, उनके समर्थन में कुछ और विधायक आ गए। अन्य विधायकों का साथ मिलने के बाद नरहरी झिरवल की साहस और बढ़ गयी और उन्होंने न आव देखा और न ताव सीधे मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूद गए। भगवान का शुक्र है कि नीेचे लगी सुरक्षा जाली पर वह अटक गए, जिससे उनकी जान बच गई। इसके बाद कुछ अन्य आदिवासी विधायक भी उनके पीछे आ गए, लेकिन सुरक्षा जाली ने सभी की जान बचा ली।
यह घटना उस समय हुई जब झिरवल और अन्य आदिवासी विधायक धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति कोटे से आरक्षण देने के सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे थे। इस आंदोलन के दौरान, विधायक सुरक्षा जाली पर चढ़कर नारेबाजी कर रहे थे।
विरोध का कारण
डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवल ने अपनी महायुति सरकार के फैसले का विरोध करते हुए यह कदम उठाया है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बनी सरकार ने धनगर समुदाय को एसटी का दर्जा देने का निर्णय लिया है, जिसे झिरवल ने गलत समझा है। उनका यह कदम आदिवासी समुदाय के आरक्षण में धनगर समुदाय की कथित घुसपैठ को रोकने के लिए उठाया गया है। विधानसभा चुनावों से पहले, उन्होंने सरकार का ध्यान इस संवेदनशील मुद्दे की ओर आकर्षित करने का अनोखा तरीका अपनाया।
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