नई दिल्ली : भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले लाखों लोग हर दिन रेल सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं और खासकर त्योहारों या लंबी छुट्टियों के दौरान ट्रेन में सफर करने वालों की संख्या काफी बढ़ जाती है। ऐसे समय में, जब रेलवे अपने यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें भी चलाता है, फिर भी कई बार यात्री अपने टिकट कंफर्म नहीं करवा पाते हैं।
टिकटिंग सिस्टम पर क्यों खड़े हो रहे सवाल
हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने रेलवे के टिकटिंग सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, कुछ यात्रियों का RAC (Reservation Against Cancellation) टिकट होने के बावजूद, उनका टिकट अचानक वेटिंग लिस्ट में चला जाता है। यह घटना तब सामने आई जब एक यात्री ने X (ट्विटर) पर इस समस्या को उजागर किया और रेलवे से इसका कारण पूछा।
RAC के बाद टिकट का वेटिंग लिस्ट में
एक यात्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी शिकायत साझा की। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद से देवरिया सदर जाने के लिए उन्होंने 20 नवंबर का टिकट बुक किया था और उन्हें RAC 42 मिला था। लेकिन कुछ समय बाद, उनका टिकट वेटिंग लिस्ट (GNWL 63) में बदल गया। उन्होंने यह जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की और रेलवे से इसका कारण पूछा।
रेलवे ने यह दिया जवाब
रेलवे सेवा ने इस पोस्ट के जवाब में बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी और यात्री से संपर्क किया जाएगा। इसके बाद रेलवे ने यात्री से अपना संपर्क नंबर देने को कहा ताकि मामले का समाधान किया जा सके। यात्री ने अपना नंबर शेयर किया, और रेलवे की तरफ से जवाब आया कि उनकी शिकायत को रेल मदद ऐप पर रजिस्टर कर लिया गया है और वे अपनी शिकायत को ट्रैक कर सकते हैं।
क्यों आरएसी बदला वेटिंग लिस्ट में, रेलवे ने बताया कारण
रेलवे ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि तकनीकी खामियों के कारण ऐसा हुआ। दरअसल, जब किसी यात्री को RAC टिकट मिलता है, तो इसका मतलब है कि उस यात्री को यात्रा की अनुमति दी गई है, लेकिन उसे पूरी बर्थ नहीं मिलती। उसे किसी और के साथ सीट शेयर करनी होती है। जब तक किसी अन्य यात्री का टिकट कैंसिल नहीं होता, तब तक वह यात्री उसी स्थिति में रहता है। कई बार ऐसा होता है कि तकनीकी कारणों की वजह से RAC वाले टिकट अचानक वेटिंग लिस्ट में बदल जाते हैं। यह समस्या आमतौर पर सॉफ़्टवेयर अपडेट, सर्वर इश्यू या डेटा सिंक्रोनाइजेशन की गड़बड़ी के कारण होती है। भारतीय रेलवे ने माना कि यह एक तकनीकी गलती थी और उन्होंने इस मामले को सुधारने के लिए अपनी तकनीकी टीम को इस पर काम करने को कहा है।
रेलवे ने दी सफाई, तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुई समस्या
रेलवे ने अपनी ओर से स्पष्ट किया कि इस तरह की गड़बड़ियों के कारण टिकट कंफर्मेशन और RAC का मैसेज यात्रियों को भेजा गया था। इसके बाद, तकनीकी टीम ने इस समस्या को ठीक किया है। रेलवे ने इस स्थिति के लिए खेद भी जताया और यात्रियों को आश्वस्त किया कि ऐसी गड़बड़ी को सुधारने की दिशा में काम किया जा रहा है ताकि भविष्य में यात्रियों को इस तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
RAC क्या है?
RAC का पूरा नाम है Reservation Against Cancellation। इसका मतलब है कि यात्री को यात्रा की अनुमति दी जाती है, लेकिन उसे सीट पूरी तरह से नहीं मिलती। वह यात्रा के दौरान किसी और के साथ सीट शेयर करता है। यदि यात्रा के दौरान कोई अन्य यात्री अपना टिकट कैंसिल करता है, तो उस RAC यात्री को पूरी बर्थ मिल जाती है।
रेलवे में विभिन्न प्रकार की वेटिंग लिस्ट होती हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:
GNWL (General Waiting List): यह सामान्य वेटिंग लिस्ट होती है, जिसमें सबसे अधिक यात्री होते हैं।
RLWL (Remote Location Waiting List): यह वेटिंग लिस्ट उन क्षेत्रों के लिए होती है, जहां कम यात्री होते हैं।
PQWL (Pooled Quota Waiting List): यह वेटिंग लिस्ट एक समूहीकृत स्थानों के लिए होती है।
TQWL (Tatkal Quota Waiting List): यह वेटिंग लिस्ट तत्काल टिकटों के लिए होती है।
RSWL (Resv. Waiting List): यह उन यात्रियों के लिए होती है जिनके पास कोई आरक्षित सीट नहीं है।
RAC (Reservation Against Cancellation): यह टिकट वह यात्री लेते हैं, जिन्हें पूरी सीट नहीं मिलती, लेकिन यात्रा की अनुमति होती है।
सिस्टम दुरुस्त करने के लिए चल रहा काम
रेलवे टिकटों के कंफर्मेशन और RAC से वेटिंग लिस्ट में बदलने की समस्या तकनीकी कारणों से होती है, लेकिन रेलवे ने इसे सुधारने का आश्वासन दिया है। इस तरह की गड़बड़ी से यात्रियों को असुविधा होती है, लेकिन रेलवे इस पर काम कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा से पहले रेलवे की वेबसाइट या हेल्पलाइन के जरिए अपने टिकट की स्थिति की जांच करें, ताकि यात्रा में कोई परेशानी न हो।
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