बेतिया: बिहार के बेतिया जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) रजनीकांत प्रवीण के घर पर पटना से आई विजिलेंस टीम ने गुरुवार सुबह से छापेमारी शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबर है, जिसके चलते नोट गिनने वाली मशीन मंगवानी पड़ी। इस छापेमारी को लेकर जिले में चर्चाएं तेज हो गई हैं, और इस कार्रवाई से जुड़े तमाम नए तथ्य सामने आ रहे हैं।
विजिलेंस की छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में कैश मिला
विजिलेंस टीम की कार्रवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि रजनीकांत प्रवीण के घर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। सूत्रों के अनुसार, इतनी बड़ी रकम होने की वजह से नोट गिनने के लिए विशेष मशीन का उपयोग किया गया। फिलहाल, पुलिस बल और विजिलेंस की टीम घर के अंदर मौजूद है और लगातार पूछताछ की जा रही है।
रजनीकांत प्रवीण पिछले तीन सालों से बेतिया में जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और उनके घर पर चल रही इस छापेमारी को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं। विजिलेंस टीम ने इस छापेमारी में किसी प्रकार की अनियमितता की जांच के लिए दस्तावेजों और अन्य साक्ष्यों को खंगालने का कार्य किया है।
विजिलेंस की कार्रवाई में और ठिकानों पर भी रेड
सूत्रों के अनुसार, बेतिया में डीईओ के घर पर चल रही इस छापेमारी के बाद विजिलेंस टीम ने उनके अन्य ठिकानों पर भी रेड की है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेजों से मामले की जांच और भी गहरे स्तर तक पहुंच सकती है।
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
इस छापेमारी के पीछे बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ की सक्रियता मानी जा रही है। डॉ. सिद्धार्थ ने हाल ही में प्रदेश के स्कूलों में बेंच और डेस्क की खरीदारी में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारियों पर कार्रवाई शुरू की है। उनकी नीतियों के तहत शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
बेतिया में जिला शिक्षा पदाधिकारी के घर पर हो रही छापेमारी से पहले भी बिहार के कई अन्य जिलों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। हाल ही में किशनगंज जिले के चार अधिकारियों को निलंबित किया गया था, और पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजीव कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई का आदेश दिया गया था।
क्या है शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का मामला?
शिक्षा विभाग में वित्तीय अनियमितताओं का मामला लंबे समय से चर्चा में है। बेंच और डेस्क की खरीदारी में घोटालों की खबरों के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी नाकामी और भ्रष्टाचार के कारण सवालों के घेरे में हैं। डॉ. एस सिद्धार्थ की पहल के बाद राज्य भर में इस तरह की अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है।
विजिलेंस की छापेमारी से इस बात का इशारा मिलता है कि बिहार सरकार शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई करने जा रही है। विभागीय अधिकारियों की जांच और कार्रवाई के चलते यह साफ हो गया है कि भविष्य में और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के लिए इस तरह की कार्रवाई जरूरी मानी जा रही है, ताकि आने वाली पीढ़ी को सही शिक्षा मिल सके और इस क्षेत्र में कोई भी अनियमितता न हो।
यह छापेमारी और कार्रवाई राज्य के शिक्षा विभाग में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है और इससे अन्य भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की संभावना बन सकती है।
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